भीम आर्मी के न्याय पंचायत अध्यक्ष ने फांसी लगाकर दी जान।- फाइल फोटो
संवाद सूत्र, बाराबंकी। भीम आर्मी के न्याय पंचायत अध्यक्ष ने फांसी लगाकर जान दे दी। पांच दिन पहले मृतक, उसके पुत्र व भाई सहित पांच पर मारपीट का मुकदमा लिखा गया था। आरोप है कि पुलिस व विपक्षियों की प्रताड़ना से युवक ने जान दी है। मामले में एक सुसाइड नोट प्रसारित हो रहा है, जिसमें जैदपुर पुलिस व विपक्षियों पर आरोप लगाए गए हैं। हालांकि, यह सुसाइड नोट न तो पुलिस काे मिला है, न ही परिवारजन के पास है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जैदपुर के मौथरी निवासी अशोक कुमार राजमिस्त्री थे, जिससे वह जीवन-यापन करते थे। 30 सितंबर की सुबह उनका शव गांव के बाहर पेड़ पर फंदे से लटका पाया गया। मृतक के पुत्र रवि कुमार ने बताया कि 25 सितंबर को गांव के रामू से रुपये लेनदेन में विवाद हो गया था, जिसमें आरोपित ने पिता, चाचा व उस पर फर्जी मुकदमा दर्ज करा दिया था और इसके बाद घर में घुसकर मारपीट व अभद्रता की।gurdaspur-state,Gurdaspur news,police raid,hotel raid,objectionable condition,arrested couples,illegal activities,Hardochhani Road,Gurdaspur police,immoral activities,Punjab news,Punjab news
दूसरे दिन 26 सितंबर को रवि की मां भी मुकदमा लिखाने थाने गई तो कार्रवाई के बजाय उनको ही रोक लिया गया। मृतक के पुत्र रवि व भाई धर्मराज ने बताया कि सुसाइड नोट में थानाध्यक्ष व एक दारोगा पर 75 हजार रुपये मांगने की बात सहित कुछ लोगों पर आरोप लगाया गया है। पुलिस पर रुपये न देने पर फर्जी मुकदमे में भी फंसाने की धमकी देने का आरोप है, जिससे पिता बहुत अपमानित व उपेक्षित महसूस कर रहे थे और भयभीत थे। इसके चलते 30 सितंबर की रात गांव के बाहर पेड़ पर फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।
ग्रुप पर भेजा सुसाइड नोट
जो सुसाइड नोट अशोक का बताया जा रहा है, वह केवल इंटरनेट मीडिया पर देखा गया है। उसकी मूल प्रति न तो पुलिस को मिली है न ही परिवारजन के पास है। बताया जाता है कि जान देने से पहले अशोक ने भीम आर्मी वाले ग्रुप में यह सुसाइड नोट डाला था।
मृतक पर मारपीट का मुकदमा लिखा गया था। जिस सुसाइड नोट की बात कही जा रही है, वह बरामद नहीं हुआ है। पूरे प्रकरण की हर बिंदु पर जांच कराई जा रही है। साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।- अर्पित विजयवर्गीय, पुलिस अधीक्षक
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