deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

Bihar Election: दशहरे की धूम में घुल रहा अनोखा चुनावी रंग, दुर्गा पंडाल बने राजनीतिक अखाड़ा

LHC0088 2025-10-2 01:12:57 views 737

  दशहरे की धूम में घुल रहा अनोखा चुनावी रंग। फाइल फोटो





मनोज कुमार, पूर्णिया। दशहरे की रौनक इस बार कुछ अलग है। प्रतिमाओं की चमक और पंडालों की सजावट के बीच राजनीतिक रंग भी घुलने लगा है। शहर से लेकर गांव तक मां दुर्गा की आराधना के साथ-साथ विधानसभा चुनाव का उत्साह भी चरम पर है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

जहां एक ओर कलाकार पंडालों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं, वहीं दूसरी ओर संभावित प्रत्याशी उसी पंडाल को अपनी चुनावी जमीन बनाने के प्रयास में हैं।

सुबह आरती और पूजा तो दिनभर जनसंपर्क, टिकट के दावेदारों की इन दिनों यही दिनचर्या है। ये कभी समिति की बैठक में भाग लेते दिख जाते हैं, तो कभी मूर्तिकारों की मेहनत की तारीफ करते। उद्देश्य साफ है, श्रद्धा और सियासत को एक साथ साधना।


भीड़ वही झंडे अलग

गांव की गलियों में जहां प्रत्याशियों की चमचमाती गाड़ियां धूल उड़ाती निकल रही हैं, वहीं आसमान में नेताओं के हेलीकाप्टर गड़गड़ाने लगे हैं। सभा की तारीखें तय हो रही हैं, भीड़ जुटाने के लिए ठेकेदार किस्म के लोग सक्रिय हो गए हैं। एक सभा खत्म होती नहीं कि दूसरी की तैयारी शुरू हो जाती है।

टोपियां, झंडे और नारे बदलते हैं, भीड़ वही रहती है। यह चुनावी बाजार का नया ठेका तंत्र है, जहां हर सभा लक्ष्मी की बरसात करती है। इस बार दिलचस्प यह भी है कि हर सीट पर उम्मीदवारों की भीड़ उमड़ पड़ी है।



एक ही पार्टी से आधा-आधा दर्जन दावेदार मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। नेताओं की नजर में जगह बनाने के लिए वे चौक-चौराहों पर बड़े-बड़े पोस्टर-बैनर टांग रहे हैं। उनके चेहरे पूजा पंडालों की लाइटिंग से भी ज्यादा चमकदार दिखाई देने लगे हैं।
दुर्गा पंडाल बने राजनीतिक सभास्थल

पूजा समितियों के सदस्य बताते हैं कि रोजाना अलग-अलग दलों के लोग उनसे संपर्क कर रहे हैं। कोई बैनर लगाने की गुजारिश करता है, तो कोई पंडाल के खर्च में सहयोग देने का आश्वासन। समिति की बैठकों में प्रत्याशियों की मौजूदगी अब आम हो चुकी है।



वे हर समस्या का समाधान, हर काम की गारंटी और हर सहयोग का वादा करते हैं। यानी इस बार की दुर्गापूजा सिर्फ धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि राजनीतिक पंडाल भी बन चुकी है।

मां दुर्गा की प्रतिमा के आगे जहां भक्त आशीर्वाद मांग रहे हैं, वहीं नेताजी वोटों का वरदान पाने की जुगत में हैं। दशहरा की धूम में चुनावी घमासान का तड़का लग चुका है, और दोनों मिलकर इस मौसम को और खास बना रहे हैं।

यह भी पढ़ें- विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार की बड़ी सौगात, बिहार के 19 जिलों में खुलेंगे केंद्रीय विद्यालय



यह भी पढ़ें- काम नहीं केवल नाम ही काफी है! इन पार्टियों के बारे में कभी नहीं सुना होगा, इनके नेता भी लड़ रहे हैं चुनाव
like (0)
LHC0088Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments
LHC0088

He hasn't introduced himself yet.

210K

Threads

0

Posts

710K

Credits

Forum Veteran

Credits
70914