टीईटी की अनिवार्यता के खिलाफ शिक्षक संगठनों ने दाखिल की पुनर्विचार याचिका
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। कक्षा एक से आठवीं तक के शिक्षकों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की अनिवार्यता के खिलाफ शिक्षकों का विरोध जारी है। अब शिक्षकों के भविष्य और सम्मान की रक्षा के लिए अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ व उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका (रिव्यू पिटीशन) दाखिल की है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
यह याचिका संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष व प्रदेश अध्यक्ष सुशील कुमार पांडेय के नेतृत्व में दाखिल की गई। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने गलत तथ्यों के आधार पर यह आदेश दिया था कि देशभर के शिक्षकों को दो वर्षों में टीईटी उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा और केवल टीईटी उत्तीर्ण शिक्षकों को ही पदोन्नति का अधिकार मिलेगा।nainital-crime,Nainital news,cyber fraud,travel agent fraud,Colonel impersonation,Haldwani news,Almora tempo traveler,online scam,army personnel fraud,uttarakhand news
इस आदेश से करीब देश भर में 20 लाख शिक्षक-शिक्षिकाएं प्रभावित हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश में 1.86 लाख शिक्षक प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह कदम शिक्षकों की रोज़ी-रोटी, सम्मान और सेवा सुरक्षा की रक्षा के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होगा और संगठन के संघर्ष को नई ऊर्जा देगा।
इस मौके पर राष्ट्रीय काउंसलर नरेश कौशिक, राष्ट्रीय सचिव डा. अनुज त्यागी, प्रदेश उपाध्यक्ष व गाजियाबाद जिलामंत्री, लखनऊ जिलाध्यक्ष वीरेंद्र प्रताप सिंह, गौतमबुद्धनगर जिलाध्यक्ष विनोद नागर, गाजियाबाद जिलाध्यक्ष रविंद्र राणा, एटा जिलाध्यक्ष प्रवीन कुमार फौजी, एटा जिलामंत्री वीरपाल सिंह, मेरठ महानगर अध्यक्ष विनोद त्यागी, बागपत जिलाध्यक्ष जितेंद्र नैन, दादरी ब्लाक अध्यक्ष संजीव शर्मा सहित अन्य पदाधिकारी शामिल रहे।
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