प्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। अपराध करने के बाद अपराधी खुद को बचाने के लिए कितनी भी जुगत कर ले लेकिन एक न एक दिन वह कानून के शिकंजे में फंस ही जाता है। यहां भी यही हुआ है। छह साल पहले सरस्वती विहार थाना क्षेत्र में अपने साथियों के साथ मिलकर बंदूक की नौक पर तंबाकू की दुकान में लूटपाट करने वाले वांछित को क्राइम ब्रांच की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। इस बीच वह कभी बिार तो कभी कोलकाता में छिपा रहा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पुलिस के मुताबिक, उसे अगस्त 2019 में इस मामले में दो सप्ताह की पैरोल मिली थी, लेकिन उसने आत्मसमर्पण नहीं किया और पिछले छह साल से फरार चल रहा था। आरोपित की पहचान शकरपुर के सरफराज उर्फ सोनू के रूप में हुई है जो पहले भी डकैती, लूटपाट और सेंधमारी के सात आपराधिक मामलों में शामिल रहा है।
उपायुक्त आदित्य गौतम ने बताया कि वर्ष 2011 में थाना सरस्वती विहार में लूट का मामला दर्ज किया गया था, जिसमें आरोपित सरफराज ने अपने साथियों के साथ मिलकर एक तंबाकू की दुकान में बंदूक की नोक पर 30 हजार लूट लिए थे। पुलिस ने उसे मामले में गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन पैरोल मिलने के बाद वह फरार हो गया।
उसे पकड़ने के लिए एसीपी रमेश चंद्र लांबा की देखरेख में और इंस्पेक्टर पंकज मलिक और रोहित कुमार के नेतृत्व में टी गठित की गई थी। एएसआई सुरेश गुप्ता को सूचना मिली कि आरोपित शकूर बस्ती छिपा हुआ है। सूचना पर टीम ने 14 नवंबर को छापेमारी करते हुए उसे दबोच लिया।
पूछताछ में पता चला कि फरारी के दौरान वह बिहार के सहरसा जिले में अपने पैतृक गांव में छिपा रहा और बाद में कोलकाता चला गया, जहां उसने बैटरी रिक्शा चालक के रूप में काम किया। इसी वर्ष अगस्त में वह दिल्ली लौट आया और पकड़े जाने से बचने के लिए शकूर बस्ती में पहचान बदलकर रह रहा था।
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