विधायक सरयू राय ने कहा कि सारंडा में खनन नहीं, बल्कि वन्यजीवों और पर्यावरण का संरक्षण जरूरी है।
राज्य ब्यूरो, रांची। जमशेदपुर पश्चिमी क्षेत्र के विधायक सरयू राय ने कहा कि सारंडा में खनन नहीं, बल्कि वन्यजीवों और पर्यावरण का संरक्षण जरूरी है। उनके अनुसार, वहां के विकास के लिए खनन को जरूरी बताना गलत है।
उन्होंने मंगलवार को प्रेस क्लब में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्य सरकार वन एवं पर्यावरण सचिव अबु बकर सिद्दीख की अनुशंसा को लागू करे तथा आठ अक्टूबर से पहले अधिसूचना जारी कर सारंडा को वन्यजीव अभ्यारण्य घोषित करे।
सरयू ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने 17 सितंबर को एक कड़ा आदेश पारित करते हुए सारंडा वन्यजीव अभयारण्य घोषित करने के निर्देश मुख्य सचिव को दिए हैं।
इसके पूर्व 29 अप्रैल को वन विभाग के सचिव ने सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष सशरीर उपस्थित होकर वादा किया था कि झारखंड सरकार 57,519.41 हेक्टेयर क्षेत्र में अभ्यारण्य घोषित करेगी और 13603,80 हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र को ससंगदा बुरू संरक्षण रिजर्व के रूप में अधिसूचित करेगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
लेकिन राज्य सरकार ने यह वादा पूरा नहीं किया। उनके अनुसार, सारंडा को वन्यजीव अभ्यारण्य घोषित करने में सरकार की आनाकानी समझ से परे है।Aaj Ka Rashifal, Aries daily horoscope, Taurus daily horoscope, Gemini daily horoscope,Cancer daily horoscope, mesh rashifal, vrisha rashifal, mithun rashifal, kark rashifal, Horoscope 2025, aaj ka Mesh rashifal in hindi, aaj ka vrish rashifal in hindi, aaj ka Mithun rashifal in hindi, aaj ka kark rashifal in hindi ,Gemini horoscope today in hindi, 01 October 2025 Mithun rashifal, 01 October mesh rashifal, 01 October vrisha rashifal, आज का मेष राशिफल 01 अक्टूबर 2025, आज का वृषभ राशिफल 01 अक्टूबर
बकौल सरयू राय, उन्होंने वर्ष 2012 में सारंडा में खनन के विरुद्ध झारखंड उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका भी दायर की थी, जिसका निष्पादन हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय का आदेश आने के बाद उसके अनुरूप हुआ।
वन्यजीव विशेषज्ञ डा. आरके सिंह ने वर्ष 2020 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के समक्ष सारंडा को बचाने के लिए और बिहार सरकार के द्वारा घोषित किए गए गेम सेंक्चुअरी के आदेश को लागू करने के लिए आवेदन दिया, जिस पर एनजीटी ने 12 जुलाई 2022 को सारंडा सेंक्चुअरी बनाने का आदेश राज्य सरकार को दिया था।
यह आदेश दो वर्ष तक लागू नहीं हुआ तो डा. सिंह की सलाह पर पलामू के प्रोफेसर डीएस श्रीवास्तव इस मामले को सर्वोच्च न्यायालय ले गए। वहां सुनवाई के दौरान वन एवं पर्यावरण सचिव ने कहा कि वन्यजीव अभ्यारण्य घोषित करने का प्रस्ताव टिप्पणी के लिए वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट आफ इंडिया, देहरादून को भेजा गया है।
इसका प्रतिवेदन आते ही सरकार इसे राज्य वन्यजीव पर्षद के सामने और इसके बाद मंत्रिपरिषद में रखा जाएगा और तब इस क्षेत्र को सारंडा वन्यजीव अभ्यारण्य घोषित कर दिया जाएगा। लेकिन सरकार ने अभी तक यह वादा पूरा नहीं किया है।
सरयू ने कहा कि सारंडा में खनन के लिए निजी कंपनियां लालायित रहती हैं। वैसे तो, सभी सरकारों में इसकी अनदेखी की गई। मधु कोड़ा सरकार में तो कंपनियों की बाढ़ आ गई थी। वन्य अभ्यारण्य घोषित हो जाने से वहां खनन बंद हो जाएगा।
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