न्यूजीलैंड की तकनीक से हिमाचल में सेब उत्पादन में आएगी क्रांति। फोटो जागरण
राज्य ब्यूरो, शिमला। न्यूजीलैंड अपने बेहतर तकनीक के आधार पर एक हेक्टेयर में 100 टन सेब और नाशपाती का उत्पादन कर रहा है। जबकि हिमाचल प्रदेश में औसतन एक हेक्टेयर में छह टन उत्पादन हो रहा है। उच्च घनत्व वाले फलदार पौधों की बेहतर कटिंग प्रूनिंग, खाद और कीटनाशकों के प्रयोग से ये संभव हो रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
न्यूजीलैंड के उच्च आयुक्त पैट्रिक जान राटा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से भेंट कर न्यूजीलैंड की फल उत्पादन तकनीक से अवगत करवाया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश और न्यूजीलैंड में कई समानताएं हैं और बागवानी क्षेत्र, विशेष कर सेब और नाशपाती की खेती, में सहयोग से राज्य के बागवानों की आर्थिकी में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश न्यूजीलैंड की उन्नत बागवानी विधियों, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और किसानों के प्रशिक्षण से लाभान्वित हो सकता है। इस सहयोग से उत्पादन बढ़ेगा, फसल उपरान्त प्रबंधन सुदृढ़ होगा और अन्तरराष्ट्रीय गुणवत्ता मानकों को पूरा कर हिमाचल के उत्पादों की वैश्विक प्रतिस्पर्धा क्षमता बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि न्यूजीलैंड के विशेषज्ञ उच्च घनत्व बागवानी, बगीचों का प्रबंधन, कीट एवं रोग नियंत्रण, भंडारण और विपणन रणनीतियों जैसे क्षेत्रों में प्रदेश का मार्गदर्शन कर सकते हैं। इससे न केवल उत्पादन और गुणवत्ता में सुधार होगा बल्कि हिमाचल की बागवानी आधारित अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा।
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सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार सेब उत्पादकों की आर्थिकी सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध है और पिछले ढ़ाई वर्षों से इसी दिशा में कई कदम उठाए गए हैं। इस अवसर पर बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी, सचिव बागवानी सी पालरासू, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, निदेशक बागवानी विनय सिंह, मुख्य कार्यकारी अधिकारी एनजीएपीआइ कैरेन मोरिश, प्रबंध निदेशक एप्लाइड रिसर्च एंड टेक्नालाजिज़ डा. डेविड मैंकटेलो, गैरी जोंस और डेनिएला एडसेड भी बैठक में उपस्थित थे।
भारत में फ्री ट्रेड की मांग
न्यूजीलैंड उच्चायुक्त पैट्रिक जान राटा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल भारत के दौरे पर है। ये प्रतिनिधिमंडल भारत के विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मुलाकात कर उन्हें सेब और नाशपाती व डेयरी उत्पादाें के फ्री ट्रैड की भारत सरकार से पैरवी करने की मांग कर रहे हैं। जिसकी एवज में न्यूजीलैंड की तकनीकी का प्रशिक्षण देेंगे।
1990 से कर रहा सहयोग हिमाचल को
न्यूजीलैंड विश्व बैंक के प्रोजेक्ट के तहत हिमाचल प्रदेश में 1990 और उसके बाद 2017 से 2022 के दौरान हिमाचल सरकार बागवानी विभाग और उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के साथ मिलकर तकनीकी प्रशिक्षण दे चुका है।
हिमाचल प्रदेश की सेब की आर्थिकी 4.50 हजार करोड़ की है। हर साल प्रदेश में 2.60 करोड़ से 3.20 करोड़ पेटी सेब का उत्पादन होता है। इस बार 3.60 कराेड पेटी सेब का उत्पादन का अनुमान था। इस बार लगातार वर्षा और सड़कों की खराबी के कारण फलों को मार्केट तक पहुंचाने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। यही नहीं अधिक वर्षा के कारण पत्ते झड़ने के अलावा सेब काला पड़ गया जिसके कारण दाम अच्छे नहीं मिले।
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