राज्य ब्यूरो, लखनऊ। टेक्सटाइल व अपैरल क्षेत्र में विकास के लिए इन्वेस्ट यूपी ने नई दिल्ली में हितधारकों के साथ परामर्श बैठक कर विभिन्न पहलुओं पर विचार किया। बैठक में सोर्सिंग कंपनियों, निर्माताओं, उद्योग साझेदारों व अंतर्राष्ट्रीय फर्मों के प्रतिनिधी भी मौजूद रहे। बैठक का उद्देश्य उप्र को पसंदीदा वैश्विक सोर्सिंग व विनिर्माण केंद्र के रूप में मजबूत बनाने के लिए सहयोगात्मक व भविष्य केंद्रित संवाद स्थापित करना था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बैठक में इन बातों पर दिया गया जोर
बैठक में नीतिगत क्षमताओं की पहचान, विनिर्माण बढ़ाने व निवेश पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने पर जोर दिया गया। प्रतिभागियों ने अपने अनुभव भी साझा किए। कहा, टेक्सटाइल व अपैरल उद्योग नवाचार, सतत विकास, कौशल विकास, डिजिटलीकरण व वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं के अनुरूप काम करके अपनी वृद्धि को तेज कर सकता है।
युवा पीढ़ी को टेक्सटाइल क्षेत्र में उद्यमिता अपनाने के लिए प्रेरित करने, स्कूलों में कौशल-आधारित प्रशिक्षण, कालेजों में डिजाइन आधारित शिक्षा, शिक्षा–उद्योग सहयोग व डिजिटल तथा प्रौद्योगिकी आधारित शिक्षण को बढ़ावा देने पर भी बल दिया गया।
आपूर्ति श्रृंखला के आधुनिकीकरण, स्वचालन विस्तार, निर्यात इकाइयों को प्रोत्साहन के लिए उद्योग के दीर्घकालिक सहयोग पर भी सहमति बनी। बैठक में आनलाइन जुड़े मुख्यमंत्री के सचिव अमित सिंह ने लाजिस्टिक लागत कम करने, प्रतिस्पर्धा बढ़ाने व वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करने की दिशा में उठाए जा रहे राज्य सरकार के कदमों की भी जानकारी दी।
उद्योग प्रमुखों से मांगे सुझाव
आनलाइन जुड़े इन्वेस्ट यूपी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विजय किरन आनंद ने उद्योग प्रमुखों से उनके सुझाव मांगे। भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार व इन्वेस्ट यूपी निवेशकों को पूर्ण सहयोग प्रदान करेगा। इन्वेस्ट यूपी के अधिकारियों ने उप्र में तेजी से विकसित हो रहे टेक्सटाइल क्षेत्र की जानकारी दी।
निवेश प्रोत्साहन नीति 2023, औद्योगिक निवेश व रोजगार प्रोत्साहन नीति 2022 तथा टेक्सटाइल, एमएसएमई, फुटवियर, एफडीआइ व अन्य क्षेत्रों से जुड़ी 33 से अधिक नीतियों के तहत उपलब्ध प्रोत्साहनों की भी जानकारी दी। परामर्श बैठक में 45 से अधिक कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल रहे। |