बिहार में कब होगा सरकार का गठन?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे बीते दिन शुक्रवार (14 नवंबर, 2025) को आ चुके हैं। सत्तारूढ़ एनडीए ने इस चुनाव में 202 सीटें जीतकर ऐतिहासिक जीत हासिल की। अब इसके बाद सरकार के गठन की प्रकिया शुरू होने वाली है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि विधानसभा चुनावों में एनडीए की प्रचंड जीत के बाद पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व जल्द ही सरकार गठन से संबंधित सभी पहलुओं को अंतिम रूप दे देगा।
सरकार गठन को लेकर क्या है अपडेट?
उन्होंने कहा कि अगले दो दिनों में सब कुछ तय हो जाएगा। पार्टी मतदाताओं का आभार व्यक्त करने के लिए राज्य के सभी जिलों में कल धन्यवाद मार्च निकालेगी। सरकार गठन की प्रक्रिया के बारे में जायसवाल ने कहा कि सबसे पहले एनडीए के सभी घटक दल अपने विधायकों की बैठकों में नेताओं का चयन करेंगे। उसके बाद गठबंधन की एक संयुक्त बैठक में एनडीए के नेता का चुनाव किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे संबंधित कार्यक्रम और विवरण पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व घोषित करेगा।
कब तक है मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल?
वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल करीब 22 नवंबर तक है, उस दिन या उससे पहले 18वीं विधानसभा का गठन किया जा सकता है। कयास लगाए जा रहे हैं कि नीतीश कुमार कभी भी राज्यपाल मोहम्मद आरिफ खान से मुलाकात कर अपना इस्तीफा दे सकते हैं। इसके बाद राज्यपाल जीतने वाले दल या गठबंधन को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करेंगे।
सरकार गठन की प्रक्रिया क्या?
चुनाव और बहुमत- सरकार गठन के लिए चुनाव कराए जाते हैं, जिसमें नागरिक अपने प्रतिनिधियों को चुनते हैं। जिस पार्टी या गठबंधन को बहुमत मिलता है, वही सरकार बनाने का दावा करती है। अगर एक दल को बहुमत नहीं मिलता है तो कई दल मिलकर गठबंधन करके बहुमत हासिल कर सकते हैं। चूंकि बिहार में एनडीए को पूर्ण बहुमत मिला है तो ऐसे में एनडीए की सरकार बनना तय है।
मुख्यमंत्री का चुनाव- बहुमत वाली पार्टी या गठबंधन के विधायक मिलकर अपने नेता का चुनाव करते हैं और जिस नेता को बहुमत मिलता है, वही विधायक दल का नेता होता है और मुख्यमंत्री पद की शपथ लेता है।
मुख्यमंत्री और मंत्रियों की नियुक्ति- मुख्यमंत्री चयन के बाद राज्य के राज्यपाल मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करते हैं और नियुक्त करते हैं।
मंत्रिमंडल का गठन- इसके बाद मुख्यमंत्री अपने मंत्रिमंडल का गठन करते हैं, जिसमें कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री शामिल होते हैं। प्रत्येक मंत्री को एक विभाग दिया जाता है।
सरकार का संचालन- मंत्रिमंडल का हर सदस्य अपने-अपने विभागों के संचालन के लिए जिम्मेदार होता है। सरकारी फैसले और नीतियां मंत्रियों के अनुमोदन से ही लागू होती हैं।
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