भारत में लॉन्च हुआ दुनिया का पहला ऑटोनॉमस इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर Swayamgati
ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। Omega Seiki Mobility ने भारत में दुनिया का पहला ऑटोनॉमस इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर Swayamgati को लॉन्च कर दिया है। यह इलेक्ट्रिक ऑटो रिक्शा एक ऐसा तिपहिया वाहन है, जो बिना किसी चालक के अपने आप चलता है। यह वाहन अब कमर्शियल रोलआउट के लिए उपलब्ध है और बुकिंग्स भी खुल चुकी हैं। आइए इसके बारे में विस्तार में जानते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कीमत और वेरिएंट
दुनिया का पहला ऑटोनॉमस इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर Swayamgati को दो वेरिएंट में लॉन्च किया गया है, जो पैसेंजर और कारगो है। इसके पैसेंजर वेरिएंट की कीमत 4.00 लाख रुपये और कारगो वेरिएंट की कीमत 4.15 लाख रुपये है। अभी इसके कारगो वेरिएंट को लॉन्च नहीं किया गया है, लेकिन इसे जल्द ही लाया जाएगा।
Swayamgati के फीचर्स
इसमें दी गई बैटरी एक बार चार्ज होने के बाद 120 किमी तक की ड्राइविंग रेंज देगी। इसमें कई बेहतरीन और एडवांस फीचर्स दिए गए हैं। दुनिया के पहले ऑटोनॉमस इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर Swayamgati में Lidar और GPS दिया गया है। इसके साथ ही AI-बेस्ड ऑब्स्टेकल डिटेक्शन, मल्टी-सेंसर नेविगेशन और रिमोट सेफ्टी कंट्रोल्स दिए गए हैं। इस इलेक्ट्रिक ऑटो रिक्शा को एयरपोर्ट्स, टेक पार्क्स, स्मार्ट सिटीज़, कैंपस और इंडस्ट्रियल हब्स को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।
डिजाइन और रीयल-वर्क इंडिया
Swayamgati को भारतीय सड़कों और शहरी परिस्थितियों के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया है। यह 100% इलेक्ट्रिक वाहन है, जो शून्य टेलपाइप एमिशन देता है और ऑपरेशनल एवं मेंटेनेंस लागत को कम करता है। इसकी कॉम्पैक्ट डिजाइन और इंटेलिजेंट नेविगेशन इसे स्मार्ट सिटीज, गेटेड कैंपस, इंडस्ट्रियल जोन और ट्रांसपोर्ट हब्स के लिए आदर्श बनाती है।
कंपनी का लक्ष्य
- OSM का लक्ष्य 24 महीनों में 1,500 ऑटोनॉमस व्हीकल्स का प्रोडक्शन करना है। कंपनी के पास फरीदाबाद और चाकन (पुणे) में आधुनिक निर्माण सुविधा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, OSM ने दुबई के Jafza में व्हीकल असेंबली प्लांट स्थापित किया है, जो एशिया और अफ्रीका में नए EV मार्केट्स को सपोर्ट करता है।
- OSM के फाउंडर एवं चेयरमैन उदय नारंग के अनुसार, Swayamgati का लॉन्च केवल एक प्रोडक्ट नहीं, बल्कि भारत के परिवहन के भविष्य में एक बड़ा कदम है। यह साबित करता है कि ऑटोनॉमस तकनीक भारत में ही विकसित की जा सकती है और इसे सभी के लिए किफायती बनाया जा सकता है।
|