Vakratunda Chaturthi 2025: भगवान गणेश को कैसे प्रसन्न करें?
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल कार्तिक महीने में वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। यह दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है। इस शुभ अवसर पर भगवान गणेश की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही चतुर्थी तिथि का व्रत रखा जाता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इस व्रत के पुण्य-प्रताप से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही आय और सौभाग्य में वृद्धि होती है। इसके लिए साधक श्रद्धा भाव से चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश की पूजा करते हैं। आइए, वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी की सही तिथि और शुभ मुहूर्त जानते हैं-
शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 09 अक्टूबर को रात 10 बजकर 54 मिनट पर शुरू होगी और 10 नवंबर को शाम 07 बजकर 38 मिनट पर समाप्त होगी। सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है। अत: 10 अक्टूबर को वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी। वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी पर चंद्रोदय संध्याकाल 08 बजकर 13 मिनट पर होगा।
पूजा विधि
कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन सूर्योदय से पहले उठें। इस समय भगवान गणेश का ध्यान कर दिन की शुरुआत करें। अब घर की साफ-सफाई करें। दैनिक कामों से निपटने के बाद गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें। अब आचमन कर व्रत संकल्प लेकर पीले रंग का वस्त्र का धारण करें।Apple iOS 26,0,1 update,iPhone 17 series,iPhone Air,Bluetooth connectivity issues,Wi-Fi connectivity problems,Cellular network fixes,Camera result improvements,iOS 26 bugs,Software update,Apple iPhone updates
अब पंचोपचार कर भगवान गणेश की पूजा करें। इस समय भगवान गणेश को पीले रंग का फूल, फल, मोदक और दूर्वा अर्पित करें। अंत में आरती करें। दिनभर उपवास रखें और संध्याकाल में आरती करें। अगले दिन पूजा-पाठ कर व्रत खोलें।
पंचांग
- सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 19 मिनट पर
- सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 57 मिनट पर
- चन्द्रोदय- सुबह 08 बजकर 58 मिनट पर
- चन्द्रास्त- रात 08 बजकर 13 मिनट पर
- चन्द्रोदय- रात 09 बजकर 48 मिनट पर
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 40 मिनट से 05 बजकर 30 मिनट तक
- विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 04 मिनट से 02 बजकर 51 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 57 मिनट से 06 बजकर 22 मिनट तक
- निशिता मुहूर्त - रात 11 बजकर 43 मिनट से 12 बजकर 33 मिनट तक
यह भी पढ़ें- Diwali 2025 Date: 20 या 21 अक्टूबर दीवाली कब? दूर करें कंफ्यूजन, जानें तिथि, पूजा विधि और सामग्री
यह भी पढ़ें- 84 साल बाद Diwali पर बन रहा महासंयोग! घर चलकर आएंगी मां लक्ष्मी, दूर होगी कंगाली
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
 |