एलएसी के करीब स्थित होने के कारण, डीबीओ का रणनीतिक महत्व और भी बढ़ जाएगा।
राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। लद्दाख प्रशासन चीन से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा पर दौलत बाग ओल्डी (डीबीओ) सेक्टर की अग्रिम चौकियों को ग्रिड कनेक्टिविटी के माध्यम से रोशन करने की योजना पर काम कर रहा है।
रणनीति रूप में अहम दौलत बाग ओल्डी में भारतीय वायुसेना की सबसे उंची एयर स्ट्रिप है। इस क्षेत्र की सुरक्षा की जिम्मेदारी भारतीय सेना व इंडो तिब्बतन पुलिस द्वारा संभाली जा रही है। वास्तविक नियंत्रण रेखा के अग्रिम इलाकों तक बिजली पहुंचने से सशस्त्र सेनाओं की रणनीति तैयारियों को बल मिलेगा। वायुसेना अपने बड़े विमानों को डीबीओ में उताकर कर सेना की जरूरत को तुरंत पूरा करती है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
लद्दाख पावर डेवलपमेंट डिपार्टमेंट ने सेना व आईटीबीपी की सीमा चौकियों को ग्रिड कनेक्टिविटी से जोड़ने का प्रस्ताव बनाया है। यह जानकारी बुधवार को एक उच्चस्तरीय बैठक के दौरान दी गई।
इस बैठक की अध्यक्षता रीवैंप्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम के कार्यकारी निदेशक प्रिंस धवन ने की। बैठक में लद्दाख केंद्रशासित प्रदेश में बिजली पावर सेक्टर से जुड़ी विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा की गई।
परियोजना को जल्द लागू करने के निर्देश दिए
धवन ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि दूरस्थ सीमावर्ती क्षेत्रों में विश्वसनीय व सतत विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करना रणनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को शीघ्र अनुमोदन व एजेंसियों के बीच समन्वय स्थापित कर परियोजना को जल्द लागू करने के निर्देश दिए।
बैठक में पूर्वी लद्दाख के नुब्रा व चांगथांग क्षेत्रों के लिए चल रहे सीमांत क्षेत्र विकास पैकेज की प्रगति की भी समीक्षा की गई। धवन ने नुब्रा के प्रस्तावित 220 केवी ट्रांसमिशन सिस्टम, अपस्ट्रीम नेटवर्क की स्थिति के साथ केंद्रशासित प्रदेश में चल रहे स्मार्ट मीटरिंग कार्यों की भी विस्तृत समीक्षा की।
18,279 घरों में स्मार्ट मीटर लगाने का प्रस्ताव
उन्होंने यूनिफाइड बिलिंग सिस्टम व स्पेशल डेवलपमेंट पैकेज के अंतर्गत शेष उपभोक्ताओं के लिए स्मार्ट मीटरिंग के कार्यान्वयन की स्थिति का भी आकलन किया।
इस बैठक के दौरान बिजली विभाग के अधिकारियों ने बताया कि लद्दाख पावर डेवलपमेंट डिपार्टमेंट ने 18,279 उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लगाने के प्रस्ताव दिए हैं। इन्हें स्वीकृति मिलना बाकी है। |