सुपरस्टार मोहनलाल ने बताया सफलता का मूलमंत्र
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय सिनेमा में अपने योगदान के लिए मोहनलाल को नेशनल फिल्म अवॉर्ड में सिनेमा जगत के सबसे प्रतिष्ठित अवॉर्ड दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया। जिंदगी में इतनी सफलता देखने के बावजूद मोहनलाल काफी सादगीभरा जीवन जीते हैं। एक्टर ने असफलता के कुछ ऐसे मंत्र शेयर किए हैं जो वह खुद भी अपनी जिंदगी में फॉलो करते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मेहनत और ईमानदारी पर ना करें समझौता
सफलता का मूल मंत्र शेयर करते हुए मोहनलाल ने कहा, \“मेरे लिए सिनेमा बनाना हमेशा जिम्मेदारी का काम रहा है और इसे मैं पूरी मेहनत और ईमानदारी के साथ करता हूं। आप कितने भी अनुभवी क्यों नहीं हो जाएं हर दिन कुछ नया सीखना जरूरी है। यही एक आदत है जो मुझे आगे बढ़ाती है। कभी भी मेहनत और ईमानदारी से समझौता ना करें, अगर अपना काम सच्चाई से किया जाए तो सफलता अपना रास्ता ढूंढ ही लेती है। छोटी-छोटी जीत ही बड़े सपनों को पूरा कर पाती है। जब आप काम ईमानदारी से करते हैं तो दुनिया आपको नए मौके देती है।
फोटो क्रेडिट- सोशल मीडिया
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असफलता जरूरी है
अक्सर लोग जीवन में मिली असफलताओं से घबरा जाते हैं और कई बार उम्मीद भी छोड़ देते हैं। मोहनलाल असफलता को जिंदगी का जरूरी हिस्सा मानते हैं। वे कहते हैं, \“मैंने अपने जीवन में सफलता और असफलता दोनों देखी है, हमेशा याद रखें असफलता हमें कभी रोकती नहीं हैं बल्कि बेहतर बनने का मौका देती है। मेरे लिए सफलता का मतलब कभी भी अवॉर्ड या पैसा नहीं रहा बल्कि मैंने हमेशा कोशिश है कि लोगों को कुछ नया सीखने और करने की प्रेरणा दे सकूं।
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हाल ही में मोहनलाल को सिनेमा के सर्वोच्च सम्मान दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड से नवाजा गया। इतना ही नहीं उन्हें अपनी फिल्मों के लिए 5 बार नेशनल अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। मोहनलाल ने अपने पूरे करियर में करीब 400 फिल्मों में काम किया है जिनमें फुटबॉल, वनप्रस्थानम, भारतम जनता गैराज, किरीदम, दृष्यम, चेप्पु, वंदनम, लुसिफर, एल2 एंपुरान जैसी फिल्में शामिल हैं।
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