मां भगवती देवी के ओज-तेज से दपदप कर उठे पंडाल, काशी में गूंज उठे देवी के जयकारे_deltin51

LHC0088 2025-9-29 19:06:43 views 1283
  मां भगवती देवी के ओज-तेज से दपदप कर उठे पंडाल।





जागरण संवाददाता, वाराणसी। विशुद्ध आध्यात्मिक व शास्त्रीय रूप से चल रहे नवरात्र अनुष्ठान, रविवार से दुर्गोत्सव के रूप में लोकोत्सव बनने की ओर बढ़ चला। षष्ठी तिथि में लगभग सभी दुर्गा पूजा पंडालों में मां की प्रतिमाएं स्थापित कर दी गईं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

प्रतिमाओं को पंडालों तक लाने के लिए पूरे दिन जगह-जगह विविध क्षेत्रों में शोभायात्राएं निकलती रहीं। अब षोडशोपचार पूजन के साथ विधि-विधान से सोमवार को महासप्तमी तिथि में मां की प्रतिमाओं में प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।



भारत सेवाश्रम संघ, बंगाली टोला, रामकृष्ण मिशन आदि स्थानों पर बने दुर्गा पूजा पंडालों में बंगाल की संस्कृति जीवंत हो उठी है। ढाक की थाप से लगायत धुनुची नृत्य तक करते भक्त मां की आराधना में लीन दिखे। महाषष्ठी के विधान अनुसार देवी आमंत्रण पूजा की गई। सोमवार को नवपत्रिका प्रवेश के विधान पूरे किए जाएंगे।

विशाल शोभायात्रा के साथ लाई गई मां की प्रतिमा

भारत सेवाश्रम संघ में मां की प्रतिमा स्थापना के पूर्व मां की अगवानी को विशाल शोभायात्रा निकाली गई। संघ से जुड़े संत, सन्यासी, पुजारी, भक्त, बटुक आदि रथों, हाथियों, घोड़ों पर सवार होकर चले। साथ में विभिन्न देवी-देवताओं, संघ के स्ंस्थापक स्वामी प्रणवानंद सहित अनेक दिव्य सिद्ध साधक संतों, गुरुओं की झांकियां सजाई गईं। मां दुर्गा के नौ रूपों को प्रदर्शित करती सजीव झांकियां रहीं तो विभिन्न अस्त्र-शस्त्रों के साथ युद्ध कला का प्रदर्शन करते बालक-बालिकाओं ने मन मोह लिया।



कलश यात्रा संग मां को पंडाल तक लाए भक्त

दशाश्वमेध, खालिसपुरा स्थित दुर्गा पूजा संस्थान शिवम क्लब के 50वें वर्ष में महाषष्ठी के दिन भव्य कलश शोभायात्रा निकाली गई। इसमें 51 महिलाएं तथा पुरुष पारंपरिक परिधान में शामिल हुईं। पांडाल में मां दुर्गा की भव्य प्रतिमा स्थापित की जाएंगी। सप्तमी, अष्टमी व नवमी को पूजन-अर्चन किया जाएगा।gurgaon-common-man-issues,Gurgaon news,Appu Ghar project,NCLAT order,Real estate allottees,Amusement Limited,Hari Global LLP,Gurgaon property news,Real estate investment recovery,Appu Ghar Gurgaon,Haryana news   

ईगल क्लब में ओडिसी की त्रिभंग मुद्रा में विराजी मां



ईगल परिवार द्वारा स्थापित मां दुर्गा पूजा में इस वर्ष देवी प्रतिमा की कल्पना ओडिसी नृत्य की मनोहर शैली में की गई है। देवी त्रिभंग मुद्रा में हैं, उनके चेहरे पर गहन भाव झलक रहा है। देवी के दस हाथ ओडिसी शास्त्रीय नृत्य मुद्राओं में निर्मित है। प्रत्येक हस्त की मुद्रा देवी दुर्गा के दस शस्त्रों का प्रतीक है।

इन नृत्य हस्त मुद्राओं के माध्यम से देवी मां दुर्गा की ब्रह्मांडीय शक्ति को शांति व मातृत्व स्वरूप में प्रदर्शित किया गया है। देवी लक्ष्मी, देवी सरस्वती, देव कार्तिकेय एवं देव गणेश को भी ओडिसी नृत्य शैली में प्रदर्शित किया गया है। असुर को भैंसे (महिष) की खोपड़ी में नृत्य करते हुए दिखाया गया है। षष्ठी के दिन मां का आमंत्रण एवं अधिवास किया गया। सांयकाल ’अनामिका ग्रुप’ ने महालया (आगोमोनी) का मंचन किया।



कहीं खाटूश्याम मंदिर तो कहीं पुरी क जगन्नाथ मंदिर में विराजी हैं मां

काशी के पूजा पंडालों में इस बार भी विभिन्न प्रकार के प्रयोग किए गए हैं। अनेक थीमों पर बने भव्य पंडालों में स्थापित मां की प्रतिमाएं लाइट-साउंड सिस्टम से भी सुसज्जित होकर महिषासुर का वध करती दिख रही हैं।

सनातन धर्म इंटर कालेज में मां की विशालकाय प्रतिमा जयपुर के खाटू श्याम मंदिर में तो शिवपुर के मिनी स्टेडियम की प्रतिमा पुरी के जगन्नाथ मंदिर की अनुकृतियों में बने पंडाल में विराजी हैं। इसी तरहबाबा मच्छोदरानाथ दुर्गाेत्सव समिति के पूजा पंडाल में भक्तिरस और भव्यता का संगम दिख रहा है तो यहां मां की प्रतिमा उड़ीसा की \“किचकेश्वरी काली मंदिर की बनी अनुकृति में विराजी हैं।



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