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Bihar Land Mutation: बेची हुई जमीन का फिर से हो रहा दाखिल-खारिज, जिला प्रशासन से कार्रवाई की मांग_deltin51

deltin33 2025-9-29 16:36:19 views 941

  बेची हुई जमीन का फिर से हो रहा दाखिल-खारिज





जागरण संवाददाता, दरभंगा। सरकार ने भूमि से संबंधित विवाद को सुलझाने के लिए कई प्रकार की व्यवस्था कर रखी है, ताकि भूमि विवाद को समाप्त किया जा सके। वहीं, दूसरी तरफ शहर के भू-माफिया सरकार के सभी नियम कानून को ताक पर रखते हुए उसका तोड़ निकाल कर भूमि विवाद को बढ़ावा दे रहे हैं। ऐसा ही एक मामला बहादुरपुर देकुली पंचायत के मिर्जापुर मौजे की भूमि से जुड़ा हुआ है।  विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें



बताया जा रहा है कि देकुली निवासी मुरारी झा अपनी पत्नी अन्नपूर्णा झा के नाम से वर्ष 2004 में रिद्धी नाथ झा, राजीव कुमार झा और रंजीत कुमार झा मौजे मिर्जापुर थाना नंबर 230 खेसरा पुराना 411 नया 805 रकवा-17.44 डिसमिल खरीद की थी। जिसका उन्होंने दाखिल खारिज कराया और इसकी जमाबंदी नंबर 618 कायम है। जिसका राजस्व लगान 2024-25 तक भुगतान किया गया है।  राजस्व लगान का ऑनलाइन भी भुगतान हो रहा है।  



इधर, रिद्धी नाथ झा के पुत्र रंजीत कुमार झा ने आपसी बंटवारानामा का शेड्यूल तैयार कर 22 सितंबर को अपने नाम से दाखिल-खारिज करने का ऑनलाइन आवेदन पोर्टल पर अपलोड किया। जिसमें उन्होंने खाता 224 खेसरा 805 में 3.27 डिसमिल भूमि का भी जिक्र करते हुए दाखिल खारिज करने की गुहार लगाई। ghaziabad-crime,Ghaziabad news,cyber crime Ghaziabad,cyber fraud refund,online fraud Ghaziabad,cyber crime police,Ghaziabad police,cyber security awareness,digital arrest fraud,telegram task fraud,share trading fraud,Uttar Pradesh news   

बताया जाता है कि रंजीत कुमार झा प्रॉपर्टी डीलर का काम करते हैं। इनका भूमि विवाद में कई बार नाम भी आ चुका है। इधर जब इसकी जानकारी देकुली निवासी मुरारी झा को मिली तो उन्होंने नेट के माध्यम से पूरी जानकारी निकाली। उस जानकारी में दर्शाया गया है कि आपसी बंटवारानामा में दस्तावेज के प्रकार में पूर्वज का मृत्यु सर्टिफिकेट के दस्तावेज संख्या 4651 तिथि 26 अक्टूबर 2024 दर्शाया गया है।  



मुरारी झा ने बताया कि उनके पिता रिद्धी नाथ झा अभी जीवित हैं। उनके पास लगभग आठ एकड़ भूमि है। रिद्धी नाथ झा के दो पुत्र हैं। फिर आपसी बंटवारानामा सिर्फ दो खेसरा 805 और 556 कुल रकवा 3.27 और 8.72 डिसमिल का ही किया गया। जब खेसरा 805 की भूमि वर्ष 2004 में मेरी पत्नी के नाम से बिक्री कर दी गई है तो फिर इसका दाखिल खारिज कराने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना जमीनी विवाद को बढ़ावा देना है।  



उन्होंने जिला प्रशासन से इनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। शहर में ऐसा एक मामला नहीं है। कई मामले ऐसे हैं जिसमें भूमि की बिक्री करने के बाद भी लोग पुराने अभिलेख के आधार पर दाखिल खारिज कर रहे हैं।  


पूरे मामले को लेकर मुझे आवेदन प्राप्त हुआ है। रैयत थाना में प्राथमिकी दर्ज करावें। जांच कर कार्रवाई की जाएगी। -  निश्चल प्रेम, अंचलाधिकारी, बहादुरपुर  


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