एक विद्युत लाइन ने रोका अंडरपास का निर्माण, परेशान हो रहे लोग
मुकुल मिश्रा, हापुड़। मेरठ रोड स्थित पंचशील कालोनी के पास फाटक संख्या एलसी-41 पर रेलवे द्वारा अंडरपास का निर्माण पिछले करीब डेढ़ वर्ष से ही बीच में अटका पड़ा है। रेलवे के अधिकारियों के अनुसार अंडरपास का निर्माण कार्य 90 पूरा भी हो चुका है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
निर्माण कार्य चलने के बीच में 132 किलोवाट की विद्युत लाइन आ गई। जिसके कारण अंडरपास निर्माण का बचा हुआ दस प्रतिशत निर्माण कार्य नहीं हो पा रहा है।
लाइन को शिफ्ट कराने के लिए विद्युत निगम के अधिकारियों ने रेलवे को इस्टीमेट बना दे दिया है, जो करीब चार करोड़ रुपये का बैठा है। जो रेलवे के अधिकारी जमा नहीं कर रहे हैं। ऐसे में लोगों की सुविधा के लिए बनाया जा रहा अंडरपास अब उनके लिए ही सिर का दर्द बन गया है।
रेलवे की मंशा है कि सभी रेलवे फाटकों को मानव रहित कर दिया जाए। इस कड़ी में सभी रेलवे फाटकों पर या तो फ्लाईओवर का निर्माण कराया जा रहा है या अंडरपास का निर्माण कराया जा रहा है। फाटक संख्या-41 पर करीब ढाई वर्ष पहले अंडरपास का निर्माण कार्य शुरू हुआ था।
पहले अंडरपास का नक्शा गलत बताते हुए पंचशील कालोनी के लोगों ने अंडपास का निर्माण रुकवा दिया था। जिसके कारण करीब दो माह तक अंडरपास का निर्माण कार्य रुका रहा था। बाद में पंचशील कालोनी के लोगों के कहने के अनुसार रेलवे के अधिकारियों ने यू-शेप में अंडरपास का निर्माण कराने का फैसला लिया। जिसके बाद निर्माण कार्य शुरू हो गया था।
पंचशील कालोनी के लोगों को समझाने के बाद अंडरपास का निर्माण कार्य शुरू हो गया। रेलवे के अधिकारियों ने निर्माण कार्य में तेजी दिखाते हुए जल्दी कार्य को कराया। अंडरपास का 90 प्रतिशत कार्य पूरा हो ही गया था कि बीच में 132 किलोवाट की विद्युत लाइन निर्माण कार्य में रोड़ा बनकर सामने आ गई। जिसके बाद पिछले करीब डेढ़ वर्ष से निर्माण कार्य बीच में ही रुका हुआ है।dehradun-city-common-man-issues,aiims,aiims Rishikesh scam,CBI investigation,multi-crore fraud,sweeping machine scam,drug purchase scam,vessel sealing equipment,tender irregularities,financial misconduct,AIIMS Rishikesh,corruption case,uttarakhand news
इस्टीमेट बनाने के ही लगे थे 50 हजार रुपये
विद्युत निगम की 132 किलोवाट की लाइन बीच में आने के बाद रेलवे के अधिकारियों ने विद्युत निगम के अधिकारियों को वहां से विद्युत लाइन शिफ्ट कराने के लिए पत्राचार किया था।
इसके लिए रेलवे के अधिकारियों ने विद्युत निगम से इस्टीमेट मांगा था। इस्टीमेट बनाने के लिए ही विद्युत निगम के अधिकारियों ने पचास हजार रुपये का खर्चा आया था। यह इस्टीमेट जमा कराने में ही रेलवे ने करीब तीन से चार माह का समय लिया था।
2.50 करोड़ का अंडरपास, लाइन शिफ्ट करने में लगेंगे चार करोड़
रेलवे के अधिकारियों की मानें तो अंडरपास निर्माण करने का पूरा इस्टीमेट कुल 2.50 करोड़ रुपये है। लेकिन अंडरपास के बीच में आई विद्युत लाइन को शिफ्ट करने के लिए विद्युत निगम के अधिकारियों ने करीब चार करोड़ रुपये का इस्टीमेट बनाकर दिया है।
वहीं दूसरी ओर पंचशील कालोनी व मेरठ रोड स्थित एक फ्लोर मिल संचालक ने अंडरपास को लेकर हाईकोर्ट में मामला दायर किया हुआ है। जिसके कारण कार्य बीच में ही रुक गया है। जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। हालांकि बता दें कि इस विद्युत लाइन से रेलवे को ही विद्युत सप्लाई की जा रही है।
हाईकोर्ट में विचाराधीन है मामला
विद्युत निगम के अधिकारियों ने विद्युत लाइन को शिफ्ट करने का इस्टीमेट चार करोड़ रुपये बनाकर रेलवे को दिया है। इसका बजट पास कराने को लेकर उच्चाधिकारियों को फाइल दी हुई हैं। पंचशील कालोनी के लोगों ने व फ्लोर मिल संचालक द्वारा अंडरपास निर्माण को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दर्ज कराई हुई है। रेलवे की मंशा है कि अंडरपास का निर्माण जल्द से जल्द पूरा करा दिया जाए। हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद आगामी कार्रवाई हो सकेगी। - अनिल कुमार, आइओडब्ल्यू, रेलवे
 |