निर्वाचन आयोग ने शहरी निकाय में आरक्षण रोस्टर रोकने की मांग नकार दी है। प्रतीकात्मक फोटो
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने शहरी निकाय चुनाव को लेकर बड़ा फैसला लिया है। आयोग ने शहरी विकास विभाग के ओबीसी सर्वे के कारण चुनाव टालने की मांग को अस्वीकार कर दिया है।
हिमाचल प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए हैं कि प्रदेश के 40 शहरी निकायों के चुनाव जनवरी से पूर्व होने हैं, उन्हें समय पर करवाना आवश्यक है। ऐसे में ओबीसी सर्वे जिसमें लंबा समय लगेगा, उस कारण चुनाव प्रक्रिया को नहीं टाला जा सकता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
प्रदेश मंत्रिमंडल ने ओबीसी आयोग के गठन को मंजूरी दे दी थी और ओबीसी आयोग के गठन के बाद बाकी प्रक्रिया के तहत सर्वे होना है। हालांकि इस बार जो जनगणना हो रही है, वह जाति आधार पर हो रही है।
चार नगर निगम व 40 नगर परिषद व नगर पंचायतों में होंगे चुनाव
प्रदेश के आठ नगर निगमों में शिमला को छोड़ धर्मशाला, सोलन, मंडी, पालमपुर में अप्रैल से पूर्व चुनाव होने हैं, इसके अलावा तीन नए नगर निगम ऊना, हमीरपुर और बद्दी में अभी चुनाव नहीं होंगे। जबकि 40 नगर परिषद और नगर पंचायत ऐसे हैं, जिनके चुनाव जनवरी से पूर्व होने हैं। ऐसे में राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी संबंधित जिला उपायुक्तों को इनमें आरक्षण रोस्टर जारी करन के निर्देश दिए हैं।sirsa-state,Sirsa news,चौटाला माइनर,किसान धरना,सिंचाई विभाग,डबवाली news,water supply,श्रुति चौधरी,Haryana farmers protest,irrigation issues,Haryana news
आरक्षण रोस्टर 2011 की जनगणना के आधार पर होना है जारी
प्रदेश में शहरी निकायों और पंचायती राज संस्थाओं में आरक्षण रोस्टर 2011 की जनगणना के आधार पर नए सिरे से जारी होना है। इसके लिए स्पष्ट निर्देश पहले ही जारी किए गए हैं। जिस जाति की जनसंख्या संबंधित निकायों में पांच प्रतिशत से कम होगी, उसके लिए सीटें आरक्षित नहीं होगी।
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