सांकेतिक तस्वीर
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। यीडा क्षेत्र के ढाई हजार किसानों को सात प्रतिशत भूखंड पर कब्जे के लिए अभी इंतजार करना होगा। प्राधिकरण ने किसानों के दबाव के बाद उन्हें आबादी भूखंड के लिए आरक्षण पत्र तो जारी कर दिए, लेकिन उनके भूखंड अभी तक विकसित नहीं हो पाए हैं। 11 गांव के ढाई हजार किसानों के भूखंड नियोजित होने के बावजूद अभी अविकसित हैं। परियोजना विभाग को इन भूखंडों को विकसित कर किसानों को कब्जा देना है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
यमुना प्राधिकरण विकास परियोजनाओं के लिए किसानों की सहमति से जमीन क्रय करता है। इसके एवज में मुआवजे के अलावा किसान को सात प्रतिशत आबादी भूखंड मिलता है। प्राधिकरण 29 गांवों की जमीन विकास परियोजनाओं के लिए ले चुका है, लेकिन सात प्रतिशत आबादी भूखंड देने में प्राधिकरण की गति काफी सुस्त हैं। किसान संगठनों की ओर से इसकी मांग लगातार होती है। संगठनों के दबाव के बाद प्राधिकरण ने किसानों को आबादी भूखंड के लिए 6260 किसानों को आरक्षण पत्र जारी कर दिए है, लेकिन भूखंड पर कब्जा मिलने के लिए किसानों को इंतजार करना होगा।
11 गांव में 2465 भूखंड अभी अविकसित हैं। इसमें अधिकतर का काम भी अभी तक शुरू भी नहीं हो पाया है। इन गांवों में अच्छेजा बुजुर्ग, माेहम्मदपुर गूजर, रौनीजा, जगनपुर अफजलपुर, निलौनी शाहपुर, भट्टा, पारसौल, डूंगरपुर रीलखा, मिर्जापुर, चांदपुर, रामपुर बांगर शामिल हैं। इन गांवों की जमीन पर प्राधिकरण ने आवासीय व औद्योगिक सेक्टर नियोजित किए हैं। इसमें सेक्टर 18,20, 32,33 आदि शामिल हैं।
प्राधिकरण आवंटियोंं को भूखंडों पर कब्जा दे रहा है, किसान भी प्राधिकरण से सात प्रतिशत आबादी भूखंडों पर जल्द से जल्द कब्जा देने की मांग कर रहे हैं। प्राधिकरण अधिकारियों का कहना है कि आरक्षण पत्र जारी करने के बाद आबादी भूखंडों का नियोजन एवं विकास किया जा रहा है। नियोजित हो चुके अविकसित भूखंडों को विकसित करने के लिए परियोजना विभाग को निर्देश दिए गए हैं। |