Dussehra 2025 Date: शिवलिंग से जुड़े उपाय।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। दशहरा का पर्व लोग हर साल धूमधाम और भक्ति भाव के साथ मनाते हैं। इस साल यह 2 अक्टूबर, दिन गुरुवार को मनाया जाएगा। यह दिन बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है, जिसे विजयादशमी (Dussehra 2025) भी कहते हैं। इस पावन अवसर पर जहां भगवान राम ने रावण का वध कर धर्म की स्थापना की थी, वहीं दूसरी ओर मां दुर्गा ने महिषासुर का संहार किया था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
यह पावन तिथि न केवल पूजा के लिए खास है, बल्कि इस दिन किए गए कुछ विशेष उपाय आपके जीवन के सभी दुखों को दूर कर सकते हैं।
शिवलिंग से जुड़े उपाय (Remedies Related To Shivling)
बिल्व पत्र और गंगाजल का अभिषेक
दशहरे के में शिवलिंग पर गंगाजल मिश्रित जल से अभिषेक करें। अभिषेक करते समय \“ॐ नमः शिवाय\“ मंत्र का जाप करें। इसके बाद, शिवलिंग पर कम से कम 10 बिल्व पत्र अर्पित करें, जिनकी संख्या रावण के दस शीशों का प्रतीक मानी जाती है। ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव को बिल्व पत्र चढ़ाने से सभी पाप और कष्ट दूर हो जाते हैं।
शमी पत्र
दशहरा के दिन शमी वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व है। अगर आप किसी कोर्ट-कचहरी के मामले या फिर शत्रुओं से परेशान हैं, तो शिवलिंग पर शमी पत्र जरूर अर्पित करें।
महामृत्युंजय मंत्र का जाप
बीमारी या किसी बड़े संकट से मुक्ति पाने के लिए दशहरे के दिन शिवलिंग के सामने बैठकर महामृत्युंजय मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें। ऐसा माना जाता है कि महामृत्युंजय मंत्र का जाप स्वयं भगवान शिव के नीलकंठ स्वरूप का आह्वान करता है, जिससे सभी प्रकार के कष्टों का अंत होता है।
चावल का दान
अगर आपके जीवन में धन संबंधी परेशानियां बनी रहती हैं, तो दशहरे के दिन शिवलिंग के पास चावल रखें और बाद में उसे किसी गरीब या ब्राह्मण को दान कर दें। ऐसा करने से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
दूध और शहद
नौकरी या व्यापार में उन्नति के लिए दशहरे के दिन शिवलिंग पर दूध और शहद मिलाकर अभिषेक करें। ऐसा करने से भगवान शिव की कृपा से कार्यक्षेत्र की मुश्किलें दूर होती हैं। साथ ही सभी कामों में सफलता मिलती है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है। |