इस सीट पर उलझी सियासत। (फोटो जागरण)
देवकांत झा, (फुलपरास)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार को लौकहा विधानसभा के खुटौना प्रखंड के सिरसियाही में लाभुक जनसंवाद, योजनाओं का शिलान्यास एवं उद्घाटन के साथ कार्यकर्ताओ को संबोधित कर लोगों से 2005 से पहले की स्थिति को याद रखते हुए विधानसभा चुनाव में पुनः मौका देने का अपील की। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
चुनाव से पहले मुख्यमंत्री के कार्यक्रम का आने वाले चुनाव में क्या प्रभाव पड़ेगा यह तो समय बताएगा लेकिन राजनीति पर नजर रखने वाले इसमें कई निहितार्थ निकाल रहे हैं और जदयू के संभावित टिकटार्थियों की भी धड़कने तेज हो गई है।
खुटौना प्रखंड क्षेत्र के जिस सिरसियाही में सीएम का कार्यक्रम हुआ, वह इलाका घोषिन (यादव) बाहुल्य है, जो करीब करीब 80 के दशक तक कांग्रेस के साथ था।
90 के दशक आते आते किसनॉट, मजरौट सहित अन्य यादव की तरह राजद के तरफ शिफ्ट हो गए, जो आज भी राजद का कोर वोट बैंक माना जाता है। लौकहा के प्रथम विधायक 1952 में कार्यक्रम स्थल से कुछ दूरी पर स्थित पिपराही निवासी युगेश्वर घोष (घोषिन) कांग्रेस से चुने गए थे तो 1977 में कांग्रेस के सत्ताविरोधी लहर रहने के बाद भी परसाही निवासी कुलदेव गोइत (घोषिन) विधायक चुने गए थे।
कार्यक्रम स्थल सिरसियाही के आसपास घोषिन बाहुल्य गांव है। लौकहा विधानसभा में लगभग 30 हजार घोषिन मतदाता हैं, जो विधायक चुनाव में निर्णायक फेक्टर बन सकता है।
2020 में लगा ब्रेक
वर्ष 2000 के बाद लगातार इस सीट से जदयू जीत रही थी, जिसपर 2020 में ब्रेक लग गया। लौकहा से प्रथम बार राजद चुनाव जीतने में सफल रहा और भारत भूषण मंडल पूर्व मंत्री लक्ष्मेश्वर राय को पराजित कर विधायक बने।kanpur-city-cricket,IND A vs AUS A, Kanpur Green Park Pitch, India A Practice, Australia A Match, Cricket 2025 Series, Bowlers Training, ODI Warm up, Kanpur Latest News, Green Park Stadium Kanpur, Kanpur cricket association, Australia A squad, India A squad, कानपुर समाचार, कानपुर में मैच, कानपुर मैच की टिकट, एशिया कप, Asia Cup, Cricket Match,Uttar Pradesh news
लौकहा हारने की टीस साफ झलक रही थी चूंकि सभा को संबोधित करते हुए जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने कहा कि दरभंगा और मधुबनी में एनडीए तीन सीट जितने में असफल रही जिसमें लौकहा भी शामिल है।
उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश कुमार जीत के नम्बर में लौकहा को एक नंबर पर रखे हुए थे। इस बार लौकहा से जदयू टिकट के दावेदारों की संख्या भी कम नहीं है और सबके अपने अपने समीकरण और दावे हैं।
पार्टी से टिकट नहीं मिला तो निर्दलीय
पूर्व मंत्री लक्ष्मेश्वर राय, पूर्व विधायक सतीश प्रसाद साह, कमलाकांत भारती एवं जिला पार्षद विनोद साह प्रमुख दावेदार हैं। इधर भाजपा भी अपनी दावेदारी से पीछे नहीं हट रही है और इसी क्रम में भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष ऋषिकेश राघव का इंटरनेट मीडिया पर एक बयान तेजी से वायरल हो रहा है कि पार्टी से टिकट नहीं मिलेगा तो निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे।
बता दें कि भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष राघव तेली समाज से आते हैं, जिसकी जनसंख्या लौकहा विधानसभा में निर्णायक है। गौरतलब हो कि 2015 में तेली जाति से आने वाले प्रमोद प्रियदर्शी भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े और हार गए लेकिन 2020 में लोजपा के टिकट पर लड़कर 30 हजार से अधिक मत प्राप्त किए थे और जदयू लगभग 10 हजार से चुनाव हार गई थी।
सीएम के कार्यक्रम से क्षेत्र में लोगों पर प्रभाव तो देखा गया विशेषकर महिलाओं पर। लेकिन जदयू आलाकमान के लिए लौकहा में टिकट देने से लेकर जीतने तक किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं होगी। बता दें कि लौकहा यादव, मुसलमान, तेली एवं धानुक बाहुल्य मतदाताओं का विधानसभा है।
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