वाल्मीकि जंयती की छुट्टी बहाल, समाज को साध रही सरकार।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। पंचायत और विधानसभा चुनावों के लिए जातियों की राजनीति का दांव चल रहे विपक्षी दलों की रणनीति की काट के लिए अब योगी सरकार ने भी पासा फेंकना शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को श्रावस्ती में वाल्मीकि जयंती पर अवकाश बहाल करने की घोषणा कर दी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इस दिन मंदिरों पर रामायण पाठ आदि धार्मिक आयोजन भी कराएं जाएंगे। इस फैसले को भाजपा की अपने परंपरागत वाल्मीकि समाज के मतदाताओं को साधने की कोशिश के तौर पर भी देखा जा रहा है।
पूर्व में वाल्मीकि जयंती पर अवकाश की व्यवस्था हुआ करती थी। वर्ष 2017 में सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री ने प्रदेश का हाल सुधारने के लिए अधिक काम की आवश्यकता जताकर कई छुट्टियों को रद कर दिया था।
अब पिछले कुछ दिनों से लगातार वाल्मीकि जयंती पर अवकाश बहाल करने की मांग उठ रही थी। हाल ही में संभल, शाहजहांपुर आदि जिलों में इस मांग को लेकर ज्ञापन दिए गए थे।
वहीं दो दिन पहले डा. आंबेडकर ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सदस्य विधान परिषद डा. लालजी प्रसाद निर्मल ने प्रतिनिधि मंडल के साथ मुख्यमंत्री से मुलाकात कर अवकाश बहाल करने का अनुरोध किया था। जिसके बाद श्रावस्ती में मुख्यमंत्री ने सात अक्टूबर को वाल्मीकि जयंती पर छुट्टी की घोषणा कर दी।lucknow-city-general,Lucknow City news,LDA land acquisition,retired revenue officers,Lucknow development authority,multi-level parking,illegal encroachment removal,residential projects Lucknow,IT City Lucknow,Wellness City Lucknow,housing schemes lucknow,up news,uttar pradesh news,up news in hindi, up latest news,Uttar Pradesh news
वाल्मीकि समाज को सामान्य तौर पर भाजपा का परंपरागत वोटर माना जाता है। वर्ष 2017 के विधानसभा में भाजपा को विशेष तौर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बड़ी जातियों के साथ वाल्मीकि समाज और अन्य छोटी जातियों का साथ मिलने के कारण बड़ी जीत मिली थी।
इसके बाद के विधानसभा और लोकसभा चुनावों में भी भाजपा को इस समाज का समर्थन मिलता रहा। अब अगले साल होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव और वर्ष 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए सभी दल तैयारी में जुटे हैं। सपा लगातार पीडीए के नारे के साथ जातीय गोलबंदी की कोशिश में जुटी है।
बसपा, कांग्रेस सहित अन्य दल भी जनाधार बढ़ाने की कोशिश में हैं और उनके लक्ष्य पर वाल्मीकि समाज का समर्थन भी है। माना जा रहा है कि उनकी रणनीति की धार कुंद करने के लिए ही भाजपा ने यह दांव चला है। वहीं डा. निर्मल ने छुट्टी घोषित करने पर मुख्यमंत्री का आभार जताया है।
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