सहारा समूह पर निवेशकों ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। सहारा समूह की विभिन्न कंपनियों में देश के 13 करोड़ निवेशकों ने अपना पैसा लगाया। कंपनी ने इन्हें परिपक्वता राशि के साथ पैसा लौटाने का वादा किया था, लेकिन कंपनी ने निवेशकों के पांच लाख करोड़ रुपये नहीं लौटाएं। विश्व भारती जनसेवा संस्थान ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को एक पत्र भेजकर न्याय की गुहार लगाते हुए पैसा वापस दिलाने की मांग की है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
विश्व भारती के राष्ट्रीय सचिव नागेंद्र कुमार कुशवाहा द्वारा भेजे गए इस पत्र में कहा गया है कि सहारा के कुछ सहाकारी, प्राइवेट लिमिटेड कंपनियां व को-ऑपरेटिव सोसाइटी संचालित हैं, जिनमें सहारा इंडिया क्रेडिट को-आपरेटिव सोसाइटी, सहारा इंडिया क्रेडिट को-आपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारियन यूनिवर्सल मल्टीपर्सस सोसाइटी लिमिटेड, सहारा स्टार क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारा क्यू शाप रेंज लिमिटेड, सहारा क्यू शाप ईस्ट व सहारा इंडिया कामर्शियल कारपोरेशन लिमिटेड कंपनियों ने निवेशकों से पैसा लगवाया।
कंपनी ने परिपक्वता राशि के रूप में पांच लाख करोड़ रुपये लौटाने का वादा किया था, लेकिन पैसा नहीं लौटाया गया। इस सदमे में किसी निवेशक ने आत्महत्या कर ली, किसी बुजुर्ग की इलाज के अभाव में जान चली गई, कोई अपनी बेटियों की शादी नहीं कर पाया तो शारीरिक व मानसिक रूप से अपाहिज हो गए।
विश्व भारती जनसेवा संस्थान ने सहारा समूह के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में जनहित याचिका दाखिल की है, लेकिन इसकी सुनवाई आज तक नहीं हो पाई है। इसके अलावा सेबी ने भी सहारा के खिलाफ अवमानना याचिका दाखिल की है।sultanpur-general,Sultanpur news,digital crop survey,farmer registry,SP Goyal,e-khsra verification,rural youth employment,Sultanpur agriculture,crop survey update,kharif crop survey,farmer registry 2025,up news,uttar pradesh news,up news in hindi,Uttar Pradesh news
नागेंद्र कुशवाहा ने राष्ट्रपति को बताया है कि वर्तमान में सहारा समूह अपनी सभी 88 परिसंपत्तियों को अदानी ग्रुप को बेच रही है। साथ ही देश भर में कंपनी के खिलाफ जितने भी आपराधिक मुकदमे, सिविल मुकदमे, काला धन, राज्यों के पुलिस केस, रेगुलेशन के केस, इनकम टैक्स, बेनामी संपत्ति के सभी केस को निरस्त करने की प्लानिंग चल रही है।
उन्होंने बताया है कि सुप्रीम कोर्ट के रोक के बावजूद सहारा समूह न सिर्फ अलग-अलग कंपनियों के माध्यम से निवेशकों से पैसा ले रही है, बल्कि सेबी की रोक के बावजूद गलत तरीके से अपनी परिसंपत्तियों को भी बेच रही है। ऐसे में राष्ट्रपति से गुहार लगाई गई है कि सहारा के निवेशकों को उनका पैसा वापस लौटाया जाए।
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