यूपी में फ्री में होगी बच्चों की पढ़ाई, इस बार RTE में 6.5 लाख सीटों के लिए आवेदन... प्रोसेस को लेकर भी अपडेट

Chikheang 2025-11-5 22:37:35 views 1250
  



राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश के लाखों अभिभावकों के लिए अच्छी खबर है। निश्शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम के तहत इस बार 6.5 लाख सीटें आरक्षित हैं। इसके लिए आवेदन प्रक्रिया नवंबर के आखिर या दिसंबर के पहले सप्ताह में शुरू की जाएगी। बेसिक शिक्षा विभाग ने आरटीई पोर्टल को सक्रिय करने और अधिकारियों के लागिन-पासवर्ड तैयार कराने की प्रक्रिया तेज कर दी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

प्रदेश के 65 हजार से अधिक निजी विद्यालयों की मैपिंग पूरी हो चुकी है। इनमें कक्षा एक और पूर्व-प्राथमिक कक्षाओं (नर्सरी, एलकेजी, यूकेजी) में अलाभित समूह और दुर्बल वर्ग के बच्चों को निश्शुल्क प्रवेश मिलेगा। पिछले वर्ष प्रदेश से 3.50 लाख आनलाइन आवेदन हुए थे, जिनमें से 1.85 लाख सीटें आवंटित हुई थीं।

इसमें 1.41 लाख बच्चों ने प्रवेश लिया था। इस बार विभाग का लक्ष्य अधिक से अधिक आवेदन करा कर सभी आरक्षित सीटें भरने का है। आरटीई प्रवेश में किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए इस बार हर जिले में विवाद समाधान समिति बनाई जा रही है। इसकी अध्यक्षता मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) करेंगे।

समिति में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी , जिला विद्यालय निरीक्षक और खंड शिक्षा अधिकारी शामिल होंगे। अगर कोई विद्यालय प्रवेश देने से मना करता है, तो अभिभावक अपने पेरेंट्स लागिन से आनलाइन शिकायत दर्ज करा सकेंगे। शिकायत का सात दिन के भीतर निस्तारण करना होगा। बेसिक शिक्षा विभाग ने अभिभावकों को आवेदन से पहले सभी दस्तावेज तैयार रखने की सलाह दी है।

अभिभावक अभी से तैयार रखें जरूरी दस्तावेज:
-बच्चे और अभिभावक का आधार कार्ड।
-निवास प्रमाणपत्र।
-अभिभावक का बैंक खाता (आधार से लिंक)।
-जाति प्रमाणपत्र (अलाभित समूह के लिए)।
-वार्षिक आय प्रमाणपत्र (दुर्बल वर्ग के लिए, अधिकतम एक लाख आय)।
-मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा जारी प्रमाणपत्र (निशक्त, एचआईवी या कैंसर पीड़ित माता-पिता के बच्चों के लिए)।
-तहसीलदार द्वारा जारी प्रमाणपत्र (निराश्रित या बेघर बच्चों के लिए)।
-दिव्यांग, वृद्धावस्था या विधवा पेंशनधारी अभिभावक के बच्चों के लिए संबंधित विभाग का प्रमाणपत्र।

प्रवेश के लिए तय आयु सीमा (एक अप्रैल के आधार पर)
-नर्सरी: 3 से 4 वर्ष
-एलकेजी: 4 से 5 वर्ष
-यूकेजी: 5 से 6 वर्ष
-कक्षा एक: 6 से 7 वर्ष

पिछले वर्ष के आंकड़े:

सबसे कम आवंटित सीटों वाले पांच जिले:
महोबा -366
बहराइच - 367
चित्रकूट - 382
श्रावस्ती- 465
कन्नौज - 544

सबसे अधिक आवंटित सीटों वाले पांच जिले:
लखनऊ- 18,093
वाराणसी - 10,409
कानपुर नगर - 8,729
आगरा - 6,671
गाजियाबाद - 6,306
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