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150 Years of National Song: राष्ट्रगीत वंदे वंदे मातरम् के 150 वर्ष होने पर कल से भाजपा प्रदेश में मनाएगी उत्सव

cy520520 2025-11-5 22:07:03 views 292

  

पत्रकार वार्ता में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी  



राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूरा होने के मौके पर सात से 15 नवंबर तक प्रदेश में उत्सव मनाएगी। देश के प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेन्द्र प्रसाद ने 1950 में इसे राष्ट्रगीत का दर्जा दिया था। भाजपा प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर वंदे मातरम सभा और गायन का आयोजन करेगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने बुधवार को पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में कहा कि स्वतंत्रता संग्राम की आत्मा रहा ‘वंदे मातरम्’, अब नवभारत के संकल्प का प्रतीक बनेगा। यह केवल एक गीत नहीं, बल्कि भारत की आत्मा की वह अमर पुकार है जिसने देश को गुलामी की बेड़ियों से मुक्त होने की प्रेरणा दी। यह केवल मातृभूमि की स्तुति नहीं, बल्कि इसमें राष्ट्र के प्रति श्रद्धा, त्याग और समर्पण की भावना निहित है। यह गीत हमें स्मरण कराता है कि हमारा राष्ट्र केवल सीमाओं से नहीं, बल्कि साझा संस्कृति, भावनाओं और कर्तव्यबोध से निर्मित हुआ है।राष्ट्रगीत “वंदे मातरम्” केवल एक गीत नहीं, बल्कि भारत की आत्मा की आवाज है। यह वह स्वर है जिसने गुलामी की बेड़ियों में जकड़े भारत को आजादी की राह दिखाई। जब-जब देश पर संकट आया, यह गीत हर भारतीय के हृदय में नई ऊर्जा, साहस और एकता का संचार करता रहा।

प्रदेश अध्यक्ष ने पत्रकार वार्ता में बताया कि सात नवंबर को 18 स्थानों पर 150 कार्यकर्ता सामूहिक ‘वंदे मातरम्’ गायन व सभा आयोजित करेंगे। यह कार्यक्रम आगरा, अलीगढ़, अयोध्या, बरेली, गोरखपुर, कानपुर, लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद, प्रयागराज, सहारनपुर, वाराणसी, फिरोजाबाद, झांसी, गाजियाबाद, मथुरा, शाहजहांपुर व गौतमबुद्धनगर में होगा। इसके बाद आठ से 15 नवंबर तक सभी जिला मुख्यालयों पर कार्यक्रम होंगे, जिनमें सांसद, विधायक, वरिष्ठ नेता और आमजन की व्यापक सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी।

अभियान के तहत विधान सभा क्षेत्र व मंडल स्तर पर तिरंगा यात्राएं, प्रभात फेरियां, बाइक रैलियां और साहित्यिक प्रदर्शनी आयोजित की जाएंगी। विद्यालयों और महाविद्यालयों में निबंध, कविता और चित्रकला प्रतियोगिताएं भी होंगी।

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि ‘वंदे मातरम्’ का 150वां वर्ष केवल इतिहास का स्मरण नहीं, बल्कि राष्ट्र के प्रति समर्पण, एकता और कर्तव्यबोध के पुनर्जागरण का उत्सव है। गौरतलब है कि वर्ष 1875 में बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय के रचित इस गीत ने स्वतंत्रता संग्राम के हर आंदोलन में नई ऊर्जा और एकता का संचार किया। वर्ष 1896 में रवीन्द्रनाथ टैगोर ने इसका पहला सार्वजनिक वाचन किया और बाद ने यह जन-जन का गीत बना दिया गया।
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