
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Photo-IANS)
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार को लेकर बातचीत लगभग फाइनल स्टेज में है। सूत्रों के हवाले से आईएएनएस ने बताया कि भारत 20 प्रतिशत से कम टैरिफ दर लागू करने पर जोर दे रहा है।
दरअसल, कई एशियाई देशों पर अमेरिका ने लगभग 15-20 प्रतिशत के बीच टैरिफ लगाया है। यही वजह है कि भी कॉम्प्टीशन में बने रहने के लिए 20 प्रतिशत से कम टैरिफ लगाने की मांग की है।
साथ ही यह भी जानकारी सामने आई है कि भारत रूसी तेल खरीदने को लेकर अमेरिका द्वारा दंडात्मक रूप से लगाए गए अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ को भी हटाने पर भी जोर दे रहा है।
विदेश मंत्री जयशंकर ने क्या कहा?
वहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक में ऊर्जा और खाद्य आपूर्ति तक पहुंच को लेकर 'दोहरे मानदंडों' का जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि ऊर्जा, खाद्य और उर्वरक सुरक्षा के मामले में वैश्विक दक्षिण पर यूक्रेन और गाजा संघर्षों का सामना करना पड़ा है।
उन्होंने कहा कि आपूर्ति शृंखलाएं और लॉजिस्टिक्स बाधित हुए हैं और लागत बढ़ गई है, जिससे गरीब और मध्यम आय वाले देशों पर दबाव बढ़ गया है।
जयशंकर बोले- विकास को बाधित कर शांति नहीं हासिल कर सकते
जयशंकर ने दोहरे मानकों की आलोचना करते हुए कहा कि शांति और विकास एक-दूसरे के पूरक हैं, लेकिन विकास को बाधित कर शांति स्थापित नहीं की जा सकती।
जयशंकर ने सोमवार को न्यूयॉर्क में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मुलाकात की। बातचीत के बाद, रुबियो ने कहा कि भारत उनके देश के लिए महत्वपूर्ण है और उन्होंने व्यापार के क्षेत्र में चल रही बातचीत का स्वागत किया।
शुक्रवार को, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने पुष्टि की कि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीर भी चर्चा का हिस्सा थे।
रूबियो ने दिया बड़ा संकेत
जयशंकर के साथ बैठक के एक दिन बाद, रुबियो ने संकेत दिया कि ट्रंप प्रशासन रूसी तेल की खरीद पर भारत पर लगाए गए अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क को हटाने के लिए तैयार हो सकता है।
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