धराली और हर्षिल में लापता हुए लोगों का बनेगा मृत्यु प्रमाण पत्र। जागरण
राज्य ब्यूरो, देहरादून । उत्तराखंड के धराली में आई प्राकृतिक आपदा में लापता हुए 68 व्यक्तियों का मृत्यु प्रमाण पत्र बन सकेगा। केंद्र सरकार से मिले दिशा-निर्देशों के क्रम में स्वास्थ्य विभाग ने इसकी प्रक्रिया तय कर दी है। सचिव स्वास्थ्य डा आर राजेश कुमार ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर आपदा में मृत व लापता व्यक्तियों के मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
लापता व्यक्तियों के मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया के निर्धारण के लिए उन्हें तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। श्रेणी-एक में प्रभावित स्थानों के स्थायी निवासी व आपदा प्रभावित स्थान के निकटवर्ती स्थानों के स्थायी निवासी, जो आपदा के समय प्रभावित स्थानों पर उपस्थित थे, को शामिल किया गया है।
आपदा के बाद मिले थे शव
दूसरी श्रेणी में उत्तराखंड के अन्य जिलों के उन निवासियों को शामिल किया गया है जो आपदा प्रभावित स्थानों पर थे। तीसरी श्रेणी में अन्य राज्यों के पर्यटकों को शामिल किया गया है जो आपदा प्रभावित स्थानों में उपस्थित रहे थे।
प्रदेश में पांच अगस्त को धराली में आई आपदा में दो शव मिले हैं। यद्यपि अभी भी आपदा में 68 लोग लापता चल रहे हैं। वैसे तो किसी भी लापता चल रहे व्यक्तियों को मृत घोषित करने के लिए एक लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। उन्हें मृत घोषित करने के लिए वर्षों लग जाते हैं। केदारनाथ में वर्ष 2013 में आई आपदा के दौरान मृतक प्रमाण पत्र के मानकों में कुछ ढील दी गई थी। यही प्रक्रिया अभी धराली व हर्षिल में लापता व्यक्तियों के विषय में भी अपनाई जा रही है।
लापता होने या मृत्यु होने के संबंध में देंगे शपथ पत्र
धराली और निकटवर्ती क्षेत्रों के मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए लापता व्यक्तियों के निकट संबंधी व उत्तराधिकारी संबंधित व्यक्ति के लापता होने या मृत्यु होने के संबंध में शपथ पत्र देंगे। साथ ही एफआइआर भी शामिल की जाएगी। लापता व्यक्ति के परिचय के साथ सारी सूचना संबंधित अधिकारी को भेजी जाएगी, जो इसकी जांच करेगा। उसकी रिपोर्ट के आधार पर 30 दिन के भीतर लापता व्यक्तियों के संबंध में दावे व आपत्ति प्राप्त की जाएगी।
निर्धारित समय तक दावे व आपत्ति प्राप्त न होने पर मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। वहीं, राज्य के अन्य जिलों के लिए लापता व्यक्ति के मूल जिले में उनके स्वजन, शपथ पत्र के साथ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करेंगे। यहां से यह रिपोर्ट आपदा प्रभावित क्षेत्र के संबंधित अधिकारी को भेजी जाएगी। इसके बाद यहीं से पूरी कार्रवाई करते हुए मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।
अन्य राज्यों के पर्यटक अथवा लापता व्यक्ति के स्वजन मूल राज्य में शपथ पत्र के साथ लापता की रिपोर्ट दर्ज कराएंगे। संबंधित राज्य से जांच के बाद यह रिपोर्ट उत्तराखंड भेजी जाएगी, जहां से मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
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अभिहित व अपीलीय अधिकारी नामित
शासन ने राज्य के सभी जिलों के परगना मजिस्ट्रेट को अभिहित अधिकारी और सभी जिलाधिकारी व अपर जिलाधिकारियों को अपीलीय अधिकारी नामित किया है।
डीएनए सैंपलिंग भी होगी
शासन ने धराली व हर्षिल में लापता व्यक्तियों के डीएनए सैंपलिंग का निर्णय भी लिया है। उद्देश्य यह कि इस आधार पर प्राप्त शवों अथवा अंगों की शिनाख्त की जा सके।
आपदा में लापता
उत्तरकाशी - 13
टिहरी - 01
देहरादून- 01
बिहार - 13
राजस्थान - 01
उत्तरप्रदेश - 06
नेपाल - 25
सेना - 08
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