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Harihar Milan 2025: महाकाल की नगरी में कब होगा हरि-हर मिलन, क्यों इतना खास है यह दिन?

Chikheang 5 day(s) ago views 679

  

हरि-हर मिलन 2025 (AI Generated Image)



धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हरि-हर मिलन एक ऐसा दिन है, जब एक साथ भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है। हरि‑हर मिलन (Harihar Milan 2025) का पर्व विशेष रूप से उज्जैन में मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन पर बाबा महाकाल, भगवान विष्णु से मिलने गोपाल मंदिर जाते हैं और उन्हें सृष्टि संचालन का भार सौंपते हैं। चलिए जानते हैं इस विशेष उत्सव के बारे में। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इस दिन किया जाएगा हरि‑हर मिलन

कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 3 नवंबर को रात 9 बजकर 35 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन 4 नवंबर को शाम 6 बजकर 6 मिनट पर हो रहा है। ऐसे में हरि‑हर मिलन उत्सव 3 नवंबर को मनाया जाएगा।

  
क्यों मनाया जाता है यह दिन

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, चातुर्मास में भगवान विष्णु पाताल लोक में विश्राम अवस्था में रहते हैं और इस दौरान सृष्टि संचालन भगवान शिव द्वारा किया जाता है। वहीं जब चातुर्मास की समाप्ति के बाद प्रभु श्री हरि पुन: जागते हैं, तो इस अवसर पर महादेव उन्हें पुनः सृष्टि का संचालन सौंप देते हैं।

यह एक ऐसा दिन है, जब तुलसी और बेलपत्र की माला का आदान-प्रदान किया जाता है। यह एकमात्र ऐसा दिन है जब महादेव पर तुलसी अर्पित की जाती है और भगवान विष्णु को बेलपत्र चढ़ाए जाते हैं। वहीं बैकुंठ चतुर्दशी को लेकर यह कथा मिलती है कि इस तिथि पर भगवान विष्णु ने अपने आराध्य देव अर्थात भगवान शिव जी को हजार कमल अर्पित किए थे।

  

(AI Generated Image)
शुभ माने जाते हैं ये कार्य

बैकुंठ चतुर्दशी यानी हरि‑हर मिलन के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पवित्र नदी में स्नान करना काफी शुभ माना गया है। साथ ही कुछ साधक इस दिन पर व्रत रात्रि जागरण भी करते हैं। साथ ही इस दिन पर साधक को भगवान विष्णु और महादेव के मंत्रों का जप करने से भी लाभ मिल सकता है।

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