जागरण संवाददाता, रायबरेली। कोल आधारित विद्युत तापीय परियोजना की बीते तीन दिनों में एक के बाद एक तीन यूनिटें बंद हो गई हैं। इसकी मुख्य वजह हो रही बारिश के कारण उत्तरी ग्रिड द्वारा बिजली की मांग घटाया जाना बताया जा रहा है। 1550 मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता वाली इस परियोजना की तीन यूनिटों के बंद होते ही विद्युत उत्पादन घटकर 562 मेगावाट रह गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
1550 मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता वाली इस कोल आधारित परियोजना में यूनिट संख्या एक से पांच तक 210, 210 तो वहीं छठवीं यूनिट 500 मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता वाली बनाई गई है। यहां से उत्पादित बिजली उत्तरी ग्रिड के माध्यम से उत्तर प्रदेश के अलावा हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश समेत नौ राज्यों को भेजी जाती है। लगातार तीन दिनों से हो रही बारिश के कारण मौसम सर्द हो गया है।  
 
लोग सुबह शाम गर्म कपड़ों का प्रयोग करने लगे हैं। इस कारण औद्योगिक कल कारखानों समेत कार्यालयों व लोगों के घरों में लगे हुए एसी, कूलर-पंखे बंद हो गए हैं। बिजली की खपत घटते ही प्रदेशों ने बिजली की मांग घटा दी। प्रदेशों से बिजली की मांग घटते ही उत्तरी ग्रिड ने ऊंचाहार एनटीपीसी परियोजना से उत्पादित बिजली की मांग घटा दी।  
 
ऐसी दशा में मंगलवार को परियोजना प्रबंधन ने यूनिट संख्या दो व छह को बंद करा दिया। गुरुवार की सुबह फिर ग्रिड द्वारा 210 मेगावाट बिजली की मांग घटा दी। जिसके चलते प्रबंधन को यूनिट संख्या एक को भी बंद करना पड़ा। परियोजना की एक के बाद एक तीन यूनिटों के बंद होने से 920 मेगावाट बिजली का उत्पादन प्रभावित हो गया है।  
 
मौजूदा समय में परियोजना से महज 562 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। एनटीपीसी परियोजना के जनसंपर्क अधिकारी ऋषभ शर्मा का कहना है कि उत्तरी ग्रिड द्वारा बिजली की मांग हटाए जाने के कारण यूनिट संख्या एक, दो व छह को बंद किया गया है। ग्रिड द्वारा मांग बढ़ाए जाने के बाद सभी यूनिटों को क्षमता के अनुरूप संचालित कर बिजली का उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा। |