deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

गोंडा से बुढ़वल तक बिछेगी पूर्वोत्तर रेलवे की पहली चौथी रेल लाइन, बोर्ड ने स्वीकृत किया है 796.30 करोड़ रुपये

deltin33 5 day(s) ago views 246

  

चौका घाट-घाघरा घाट के बीच 1037 मीटर लंबे पुल निर्माण के लिए टेंडर जारी



जागरण संवाददाता, गोरखपुर। लखनऊ मंडल में गोंडा कचहरी से बुढ़वल के बीच 55.75 किमी रेलमार्ग पर पूर्वोत्तर रेलवे की पहली चौथी रेल लाइन बिछेगी। रेलवे बोर्ड के दिशा-निर्देश पर रेलवे प्रशासन ने सर्वे कार्य पूरा कर चौका घाट-घाघरा घाट के बीच सरयू नदी (घाघरा) पर 1037 मीटर लंबे पुल निर्माण के लिए टेंडर जारी कर दिया है। रेलवे बोर्ड ने पहली चौथी रेल लाइन को मंजूरी देते हुए 796.30 करोड़ का बजट भी स्वीकृत कर दिया है।  विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

यद्यपि, चौका घाट-घाघरा घाट पुल पर तीसरी रेल लाइन का निर्माण पूरा हो चुका है। गोंडा कचहरी से बुढ़वल के बीच तीसरी रेल लाइन पर ट्रेनें भी दौड़ने लगी हैं। चौथी रेल लाइन के लिए भी पुल का निचला हिस्सा (फाउंडेशन) तैयार हो चुका है। सिर्फ गर्डर व लाइन बिछाने का कार्य ही बाकी रह गया है। रेलवे प्रशासन ने उसके निर्माण के लिए भी निविदा आमंत्रित कर दिया है।  

भारतीय रेलवे के उच्च घनत्व यातायात नेटवर्क (हाईडेंसिटी ट्रैफिक नेटवर्क) के अंतर्गत गोंडा कचहरी- बुढ़वल रेल खंड के मध्य चौथी रेल लाइन के बन जाने से ट्रैक की क्षमता 78 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी। इससे कोयला एवं कोक, लौह अयस्क, इस्पात, सीमेंट, उर्वरक, पेट्रोलियम, खाद्यान्न, कंटेनर, आटोमाबाइल्स आदि की आवाजाही में वृद्धि होगी। इसके साथ ही यात्री जनता की मांग के अनुरूप अधिक ट्रेनों का परिचालन संभव हो सकेगा। पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा।

पूर्वोत्तर रेलवे में युद्धस्तर पर तीसरी और चौथी रेल लाइन के निर्माण की प्रक्रिया शुरू है। डोमिनगढ़ से खलीलाबाद के बीच 30 किमी चौथी रेल लाइन के लिए भी रेलवे बोर्ड ने सर्वे को मंजूरी दे दी है। मनकापुर से खलीलाबाद तक 88 किमी तीसरी लाइन के साथ ही चौथी लाइन बिछाने के लिए सर्वे चल रहा है।

छपरा जंक्शन से छपरा कचहरी चार किमी तक तीसरी व चौथी लाइन तथा बुढ़वल से सीतापुर 88 किमी तक तीसरी व चौथी लाइन के लिए सर्वे शुरू है। गोरखपुर के रास्ते बाराबंकी से छपरा तक 425 किमी रेलमार्ग का दोहरीकरण (डबल लाइन) हो गया है।

आने वाले दिनों में बाराबंकी से गोरखपुर होते ही छपरा तक 425 किमी रेलमार्ग पर तीसर व चौथी लाइन बिछ जाएगी। तीसरी के साथ चौथी रेल लाइन के लिए भी सर्वे कार्य तेज गति से चल रहा है। दिसंबर 2025 तक 457 किमी रेल लाइन का सर्वे कार्य पूरा कर लिया जाएगा।

सरयू नदी पर 1896 में बना था पहला एल्गिन ब्रिज
गोरखपुर-लखनऊ रेलमार्ग पर छोटे-बड़े कई रेल पुल हैं, लेकिन सरयू पुल सबसे महत्वपूर्ण है। सरयू नदी पर पहला एल्गिन ब्रिज 1896 में तैयार हुआ था। दूसरा पुल 100 वर्ष बाद वर्ष 2013-14 में खुला था। दोनों पुलों से होकर डबल लाइन पर ट्रेनें चल रही हैं। दस साल में ही तीसरा रेल पुल बनकर तैयार हो गया है, जिसपर चौथी लाइन भी बिछाई जा सकेंगी।
--------------------------
छोटी से बड़ी हो गई हैं सभी रेल लाइनें
पूर्वोत्तर रेलवे की सभी 3300 रूट किमी रेल लाइनें छोटी से बड़ी हो गई हैं। अब सिर्फ दुधवा वन क्षेत्र में मैलानी-नानपारा 170 किमी रेलमार्ग ही छोटी रेल लाइन बच गई है, जो इको टूरिज्म के लिए संरक्षित कर ली गई है। सभी रेलमार्गों का विद्युतीकरण भी पूरा हो चुका है। इन रेल लाइनों पर इलेक्ट्रिक इंजनों से ही ट्रेनें चल रही हैं। पूर्वोत्तर रेलवे में पड़ने वाले सभी क्षेत्र देश के ब्राड गेज (बड़ी लाइन) रेल नेटवर्क से जुड़ गए हैं। निर्बाध ट्रेनों के संचालन के साथ पर्यावरण भी संरक्षित हो रहा है।
------------------------
कोट -
- गोंडा कचहरी से बुढ़वल चौथी रेल लाइन परियोजना के अंतर्गत घाघरा नदी पर चौथे रेलवे पुल बनाने हेतु निविदा जारी कर दी गई है। तीसरी रेल लाइन परियोजना के अंतर्गत निर्माण के दौरान ही ब्रिज के फाउंडेशन को चौथी रेल लाइन हेतु भी तैयार किया गया है, जिससे केवल सुपर स्ट्रक्चर का कार्य किया जाना है।
- पंकज कुमार सिंह, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी- पूर्वोत्तर रेलवे
like (0)
deltin33administrator

Post a reply

loginto write comments

Explore interesting content

deltin33

He hasn't introduced himself yet.

210K

Threads

0

Posts

610K

Credits

administrator

Credits
68694
Random