डिजिटल पेमेंट के लिए बायोमैट्रिक का भी मिलेगा ऑप्शन
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। डिजिटल पेमेंट को और भी सुरक्षित बनाने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने नए नियम जारी किए हैं। यूजर्स को अब मैसेज पर आने वाले वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) के अलावा टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन के लिए और भी ऑप्शन मिलेंगे। आरबीआई के नए नियम 1 अप्रैल 2026 से लागू होंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
हर पेमेंट के लिए जरूरी होगा टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन
नए नियम आने के बाद किसी शॉपिंग ऐप की पेमेंट हो या किसी दोस्त को पैसा भेजना हो। हर ट्रांजैक्शन के लिए टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन आवश्यक होगा। RBI का कहना है कि पेमेंट सिस्टम प्रोवाइडर को हर डिजिटल पेममेंट के लिए टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन पूरा करना होगा। इसके साथ ही यूजर्स के पास सिर्फ एसएमएस पर आने वाला ओटीपी ही नहीं बल्कि और भी ऑप्शन होंगे।
किसी भी पेमेंट को पूरा करने के लिए यूजर्स के पास इन तीन में से दो चीजें जरूर होनी चाहिए।
- पासवर्ड या फिर एम-पिन
- ओटीपी या फिर हार्डवेयर टोकन
- फिंगरप्रिंट और फेस स्कैन (बायोमैट्रिक ऑथेंटिकेशन)
जब भी आप अपने बैंक की ऐप में लॉगइन करते हैं तो इसके लिए आपको पासवर्ड, पिन या फिर फेसआईडी की जरूरत होती है। इसके बाद पेमेंट के लिए आपको ओटीपी की जरूरत होती है। नए नियम आने के बाद इन पेमेंट को आप बायोमैट्रिक ऑथेंटिकेशन से भी पूरा कर सकते हैं।Heart attack in young adults, Heart attack risk in youth, Unhealthy habits heart disease, Doctors warning heart health, Lifestyle and heart disease, Heart Disease in Young Adults, Heart Attack Prevention, Lifestyle and Heart Health, Causes of Heart Disease, World Heart Day, High Blood Pressure, Obesity and Heart Health, Stress and Heart Disease, Healthy Heart Habits, Cardiac Health Checkup
ओटीपी या बायोमैट्रिक: यूजर्स कर पाएंगे सिलेक्ट
RBI का कहना है कि यूजर्स के पास यह ऑप्शन होगा कि वह टू-फैक्टर के लिए कौन-सा विकल्प चुनना चाहते हैं। यह पूरी तरह यूजर पर निर्भर करेगा कि वे पेमेंट को पूरा करने के लिए ओटीपी या फिर बायोमैट्रिक ऑथेंटिकेशन का विकल्प चुनते हैं। आरबीआई का कहना है कि बैंक या पेमेंट ऐप को यूजर्स को सभी ऑथेंटिकेशन विकल्प देने होंगे। यानी बैंक यूजर्स को लेटेस्ट सिक्योरिटी टूल चुनने के लिए बाध्य नहीं कर सकते हैं।
अभी पेमेंट्स को पूरा करने के लिए यूजर्स के पास सिर्फ ओटीपी का ऑप्शन है। अब यूजर्स डिवाइस आधारित टोकन, बायोमैट्रिक या क्यू-आर कोड के जरिए पेमेंट्स को अप्रूव कर सकते हैं। आरबीआई का कहना है कि वीकली ग्रॉसरी या छोटे अमाउंट के पेमेंट को सामान्य टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन के पूरा किया जा सकता है। वहीं बड़े पेमेंट या यूजर के असामान्य ट्रांजैक्शन के लिए बैंक एडिशनल वेरिफिकेशन रिक्वेस्ट कर सकता है।
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