राज्य सरकार के सीखो और कमाओ माडल का हिस्सा है यह पहल. Concept Photo  
 
  
 
अशोक केडियाल, जागरण, देहरादून । उत्तराखंड की पालिटेक्निक शिक्षा प्रणाली में बड़े बदलाव की तैयारी हो रही है। तकनीकी शिक्षा विभाग ने पालिटेक्निक छात्रों को उद्योगों की बदलती मांग के अनुसार तैयार करने के उद्देश्य से ड्रोन टेक्नोलाजी, ग्रीन एनर्जी, इलेक्ट्रिक व्हीकल, रोबोटिक्स, थ्री-डी प्रिंटिंग जैसे अत्याधुनिक और रोजगारपरक विषयों को पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय लिया है। इनमें से रोबोटिक्स, थ्री-डी प्रिंटिंग जैसी लैब प्रारंभ भी कर दी गई हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
यह पहल राज्य सरकार के सीखो और कमाओ माडल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य युवाओं को सिर्फ डिग्री तक सीमित न रखते हुए उन्हें व्यावहारिक ज्ञान, तकनीकी कौशल और नवाचार के लिए तैयार करना है। अब तक पालिटेक्निक में पारंपरिक तकनीकी कोर्स पढ़ाए जाते थे, लेकिन उद्योगों की जरूरत के अनुरूप नए पाठ्यक्रम लाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।  
 
राज्य में इस समय 71 राजकीय पालिटेक्निक संस्थान संचालित हो रहे हैं, जिनमें तीन वर्षीय डिप्लोमा कोर्स कराए जाते हैं। इंजीनियरिंग में रुचि रखने वाले छात्रों को दूसरे वर्ष में लेटरल एंट्री की सुविधा भी दी जाती है। नई शिक्षा नीति और तकनीकी विकास को ध्यान में रखते हुए अब पालिटेक्निक शिक्षा को वैश्विक स्तर के अनुरूप ढालने की योजना है। राज्य में 71 राजकीय पालीटेक्निक संस्थानों में 18 हजार से अधिक विद्यार्थी डिप्लोमा कोर्स की पढ़ाई करते हैं।  
युवाओं को तकनीकी में दक्ष बनाना है सरकार का ध्येय  
 
सरकार का उद्देश्य है कि उत्तराखंड के युवा तकनीकी रूप से इतने सक्षम हों कि उन्हें न केवल देश के प्रतिष्ठित औद्योगिक संस्थानों में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर की कंपनियों में भी रोजगार के बेहतर अवसर मिलें। इसके लिए पालिटेक्निक संस्थानों में इंडस्ट्री-कालैबोरेशन, लाइव प्रोजेक्ट्स, इनोवेशन लैब और ट्रेनिंग कार्यक्रम पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।  
विभाग पाठ्यक्रम समिति की बैठक आयोजित करेगा   
  
प्राविधिक शिक्षा निदेशक देशराज की माने तो तकनीकी शिक्षा विभाग जल्द ही नए पाठ्यक्रमों को लागू करने के लिए पाठ्यक्रम समिति की बैठक आयोजित करेगा और अगले शैक्षणिक सत्र से इन उन्नत कोर्सों को लैब के साथ शुरु किया जाएगा है। यह बदलाव युवाओं को न केवल तकनीकी रूप से दक्ष बनाएगा, बल्कि उत्तराखंड को तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में नई पहचान भी दिलाएगा। 
 
‘यह पहल राज्य सरकार के सीखो और कमाओ माडल का हिस्सा है। युवाओं को अधिक से अधिक संख्या में रोजगार मिले और स्थानीय कंपनियों के अनुरूप पाठ्यक्रम डिजाइन किया जाए, सरकार का इस पर जोर है।’  
- सुबोध उनियाल, तकनीकी शिक्षा मंत्री   |