जागरण संवाददाता, पटना। मतदान के दिन बूथ पर कोई तकनीकी खामी बाधक नहीं बने, इसलिए बुधवार को जिले की सभी 14 विधानसभा सीटों में ईसीआइनेट एप (इलेक्शन कमीशन आफ इंडिया नेटवर्क एप) और पीआरओ (प्रिसाइडिंग यानी पीठासीन अधिकारी) एप की फील्ड टेस्टिंग का ट्रायल रन यानी परीक्षण किया जाएगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
 सुबह आठ बजे एक साथ सभी मतदान केंद्रों पर इसे किया जाएगा। जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह डीएम डा. त्यागराजन एसएम ने मंगलवार को चुनाव तैयारियों की समीक्षा बैठक में इस बाबत निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सभी सजाना है। इसके बीएलओ (बूथ लेवल अफसर) समय पर मतदान केंद्र पर उपस्थित रहें।   
 
सभी निर्वाची पदाधिकारियों को इसे सुनिश्चित कराने को कहा गया है। केंद्रीय निर्वाचन आयोग द्वारा विकसित डिजिटल प्लेटफार्म को संक्षेप में ईसीआइनेट एप कहा जाता है। इसका उपयोग बीएलओ करते हैं। इससे चुनाव से पहले व उसके दौरान विभिन्न व्यवस्थाओं की निगरानी, रिपोर्टिंग व डेटा प्रबंधन को आसान, पारदर्शी एवं त्वरित बनाना है।   
 
इसकी मदद से बीएलओ अपने बूथ की वास्तविक समय में सुविधा, तैयारियों, नेटवर्क आदि की जानकारी भेज सकते हैं। मतदाता सूची में सुधार, नए मतदाता जोड़ने या हटाने की प्रक्रिया ट्रैक कर सकते हैं। मतदाता जागरूकता से जुड़ी गतिविधियों की रिपोर्ट भेज सकते हैं।   
 
बूथ पर आवश्यक सुविधाएं जैसे शौचालय, पेयजल, रैंप, बिजली आदि की उपलब्धता की जानकारी दे सकते हैं। बुधवार को फील्ड में इसकी कार्यक्षमता परखने के साथ बीएलओ को इनके इस्तेमाल का व्यवहारिक प्रशिक्षण देना भी है ताकि मतदान के दिन रिपोर्टिंग में कोई देरी या भ्रम न हो। साथ ही इंटरनेट कनेक्टिविटी की स्थिति भी पता चल जाएगी।  
दुर्गम व संवेदनशील मतदान केंद्रों की सूची सात दिन में सौंपें डीएम  
 
सभी 21 कोषांगों के नोडल पदाधिकारी नोडल पदाधिकारियों व 14 निर्वाची पदाधिकारियों के साथ बैठक में कहा कि स्वतंत्र, निष्पक्ष, भयमुक्त, पारदर्शी व सहभागिता पूर्ण माहौल में सम्पन्न कराने लिए सभी पूर्ण सजगता-तत्परता से कार्य करें। दुर्गम व संवेदनशील मतदान केंद्रों की सूची सात दिन में सौंपी जाए। एरिया डामिनेशन व रूट मार्च की योजनाएं बनें।  
  
 - आदर्श आचार संहिता का पूर्ण अनुपालन किया जाए। संपत्ति विरूपण की सख्त निगरानी की जाए। फ्लाइंग स्क्वायड, स्टैटिक सर्विलांस, वीडियो सर्विलांस एवं व्यूइंग टीम्स तेजी से कार्रवाई करें। 
 
  - चुनावी खर्च की निगरानी लगातार की जाए और व्यय सीमा के उल्लंघन की शिकायतों पर शीघ्र कार्रवाई की जाए। 
 
  - हर मतदान केंद्र पर बुनियादी सुविधाएं जैसे शौचालय, पेयजल, रैंप व बिजली व्यवस्था अनिवार्य रूप से हो। lशत-प्रतिशत वेबकास्टिंग सुनिश्चित की जाए, जिसके लिए इंटरनेट और बिजली की सुदृढ़ व्यवस्था रहे। 
 
  - सिंगल विंडो सिस्टम का प्रभावी संचालन सुनिश्चित किया जाए। lवोटर इंफार्मेशन स्लिप का वितरण मतदान की तिथि से पांच दिन पूर्व तक सुनिश्चित किया जाए। 
 
  - होम वोटिंग व पोस्टल बैलट की सुविधा में कोई चूक नहीं हो। 
 
  - मतदाता जागरूकता अभियान को गांव से शहरी क्षेत्रों तक सघन रूप से चलाया जाए। 
 
  - 66 प्रतिशत मतदान का लक्ष्य पाने के लिए सभी की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाए। 
 
  - वोटर हेल्पलाइन 1950 के माध्यम से मतदाताओं को सभी जरूरी सूचनाएं दी जाएं। 
 
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