राज्य ब्यूरो, पटना। निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को विज्ञप्ति जारी कर बताया कि ऐसे मतदाता जिनका मतदाता सूची में नाम है, लेकिन उनके पास मतदाता फोटो पहचान पत्र (ईपिक) नहीं है। वे भी मतदान करेंगे। पहचान के लिए 12 वैकल्पिक फोटोयुक्त पहचान पत्रों में से किसी एक को दिखाकर ऐसे मतदाता मतदान कर सकेंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
आयोग ने कहा कि राज्य में लगभग सभी मतदाताओं को ईपिक जारी किया जा चुका है। सभी मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि नए मतदाताओं को नामावली के अंतिम प्रकाशन के 15 दिनों के भीतर ईपिक उपलब्ध करा दिया जाए। बाबजूद इसके ईपिक उपलब्ध नहीं है तो मतदान से किसी भी स्थिति में वंचित नहीं होंगे।
वैकल्पिक पहचान पत्र में इसे किया गया है शामिल
- आधार कार्ड
- मनरेगा जाब कार्ड
- बैंक या डाकघर द्वारा जारी फोटोयुक्त पासबुक
- श्रम मंत्रालय या आयुष्मान भारत योजना के तहत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड
- ड्राइविंग लाइसेंस
- पैन कार्ड, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के तहत जारी स्मार्ट कार्ड
- भारतीय पासपोर्ट
- फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज
- केंद्र व राज्य सरकार
- सार्वजनिक उपक्रम या पब्लिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा जारी सेवा पहचान पत्र
- सांसद, विधायक
- विधान पार्षद को जारी आधिकारिक पहचान पत्र
- तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा जारी यूनिक डिसएबिलिटी आइडी (यूडीआईडी) कार्ड।
मतदाता नहीं हैं तो नामांकन से होंगे
बिहार विधानसभा चुनाव में किसी भी सीट से नामांकन के लिए राज्य की मतदाता सूची में नाम दर्ज होना आवश्यक है। आयोग के अनुसार, चुनाव लड़ने के लिए व्यक्ति को मतदाता के रूप में अवश्य पंजीकृत होना चाहिए।
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 5(ग) में व्यक्ति को चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित करता है, जबतक वह किसी विधानसभा क्षेत्र का मतदाता नहीं है। लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बनने के लिए किसी लोकसभा सीट के लिए मतदाता होना आवश्यक है। जम्मू व कश्मीर, सिक्किम आदि अपवाद हैं। |