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बड़बिल में करंट लगने से मादा हाथी की मौत, तीन आरोपी गिरफ्तार

deltin33 2025-9-25 17:59:46 views 1242

  बड़बिल में करंट लगने से मादा हाथी की मौत। (फाइल फोटो)





संवाद सूत्र, बड़बिल। ओडिशा में क्योंझर जिला के तेलकोई रेंज अंतर्गत बिमला सेक्शन के रानीबेड़ा बीट में मंगलवार को एक दस वर्षीय मादा हाथी का शव बरामद हुआ।

प्राथमिक जांच में हाथी की मौत का कारण अवैध रूप से लगाए गए सोलर फेंसिंग से करंट लगना पाया गया। घटनास्थल से इंसुलेटर भी बरामद किए गए। इस मामले में तीन आरोपियों गणेश्वर जुआंग, इंद्र जुआंग और गोकुल जुआंग को हिरासत में लिया गया है। पूछताछ में आरोपियों ने अपराध स्वीकार किया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें


फसल की सुरक्षा के लिए विद्युत प्रवाहित जीआई तार की लगायी थी बाड़

गोकुल जुआंग ने बताया कि फसल की सुरक्षा के लिए 1800 रुपये में पांच किलो जीआई तार खरीदकर बाड़ लगाई गई थी तथा अपने घर से एलटी करंट का इस्तेमाल किया गया।

सूचना पाकर जिला वन अधिकारी धनराज एचडी, कार्यपालक अभियंता, टीपीएनओडीएल, एसडीओ, जेई, जेटीएफ सदस्य एसआई सुधाकर सिंह और आरसीसीएफ राउरकेला पी. रामास्वामी ने घटनास्थल का दौरा किया।



जांच में स्पष्ट हुआ कि घटना के बाद आरोपितों ने तार हटा दिए और किसी को जानकारी न देने का निर्णय लिया। हिरासत में लिए जाने के बाद आरोपियों से क्राइम सीन रिक्रिएशन भी कराया गया।NIA, Gurpatwant Singh Pannu, Khalistani terrorist , Khalistani Pannu
हाथियों और अन्य वन्य जीवों के संरक्षण के लिए वनविभाग चलायेगा जागरूकता कार्यक्रम

डीएफओ धनराज एचडी ने कहा कि क्योंझर जिला के विभिन्न वन प्रभागों में हाथियों के फसलों को नुकसान पहुंचाने की समस्या गंभीर होती जा रही है। इसी कारण ग्रामीण अवैध बिजली करंट से बाड़ लगाकर सुरक्षा की कोशिश करते हैं, जो बेहद खतरनाक है।



इस लापरवाही से न केवल वन्यजीव बल्कि इंसान भी मौत के शिकार हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में हाथियों और अन्य वन्य जीवों के संरक्षण के लिए व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जाएगा तथा पंजीकृत सौर बाड़ लगाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
चार साल में पांच से अधिक हाथियों की करंट लगने से हो चुकी मौत

गौरतलब है कि यह कोई पहली घटना नहीं है। पिछले कुछ वर्षों में क्योंझर और आसपास के जिलों में हाथियों की मौत का सिलसिला जारी है। वर्ष 2022 में भी इसी तरह की सोलर फेंसिंग से करंट लगने से दो हाथियों की जान गई थी। 2023 में क्योंझर और सुंदरगढ़ की सीमा पर करंट से एक झुंड के दो हाथी मारे गए थे।



इसी साल मार्च में भी बारिपदा रेंज के अंतर्गत करंट से हाथी की मौत हुई थी। लगातार हो रही इन घटनाओं ने वन्यजीव संरक्षण की गंभीरता पर सवाल खड़ा कर दिया है।

विशेषज्ञों का मानना है कि हाथियों का प्राकृतिक मार्ग (एलीफैंट कॉरिडोर) बाधित होने और भोजन की तलाश में गांव-खेतों की ओर बढ़ने से ऐसी घटनाएं बार-बार घट रही हैं। विभागीय स्तर पर जहां निगरानी बढ़ाने की जरूरत है, वहीं ग्रामीणों में जागरूकता और वैकल्पिक समाधान ही स्थायी रास्ता साबित हो सकता है।
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