मध्य प्रदेश के 5 खूबसूरत टाइगर रिजर्व (Picture Courtesy: Pench Tiger Reserve)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश को भारत की \“टाइगर स्टेट\“ के रूप में जाना जाता है। यह नाम इसे इसलिए दिया गया है, क्योंकि यहां देश में बाघों की सबसे ज्यादा आबादी बसती है। इसलिए यह राज्य वाइल्ड लाइफ लवर्स और प्रकृति के लिए उत्साही लोगों के लिए स्वर्ग जैसा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मध्य प्रदेश में कई मशहूर टाइगर रिजर्व हैं, जो बाघों, तेंदुए, हिरण और पक्षियों की अलग-अलग प्रजातियों का घर हैं। अगर आप भी जंगल सफारी का प्लान बना रहे हैं, तो मध्य प्रदेश के इन 5 टाइगर रिजर्व घूमने का प्लान बना सकते हैं।
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व
(Picture Courtesy: Satpura Tiger Reserve)
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व अपने ऊबड़-खाबड़ इलाके, गहरी घाटियों, बलुआ पत्थर की चोटियों, घने जंगलों और अनूठे वन्यजीवों के लिए मशहूर है और नर्मदा नदी के दक्षिण में स्थित है। यह भारत के उन कुछ टाइगर रिजर्व में से एक है जहां पैदल सफारी की अनुमति है, जिससे प्रकृति को करीब से अनुभव करने का सुनहरा मौका मिलता है। यहां बाघों के अलावा, बाइसन, जाएंट स्क्विरल और फ्लाइंग स्क्विरल भी पाई जाती हैं।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व
(Picture Courtesy: Bandhavgarh Tiger Reserve)
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की पहचान इसकी बाघों की आबादी से है, इसलिए यहां बाघों को देखने की संभावना बहुत ज्यादा होती है। यह क्षेत्र विंध्य पहाड़ियों से घिरा हुआ है, जो इसकी खूबसूरती को और बढ़ा देते हैं। यह रिजर्व अपनी प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक बांधवगढ़ किले के लिए भी जाना जाता है, जो पार्क के बीचों-बीच स्थित है। यह किला 2000 साल से भी पुराना माना जाता है और बेहद खूबसूरत है।
पन्ना टाइगर रिजर्व
(Picture Courtesy: Panna Tiger Reserve)
पन्ना टाइगर रिजर्व उत्तर-मध्य मध्य प्रदेश में स्थित है और इसे केन नदी दो भागों में विभाजित करती है। यह रिजर्व बाघ रिहाबिलिटेशन की अपनी कहानियों के लिए जाना जाता है, क्योंकि एक समय पर यहां बाघ लगभग विलुप्त हो गए थे। पन्ना में बाघों के अलावा, घड़ियाल और कई तरह के पक्षियों को देखने के लिए केन नदी पर बोटिंग सफारी का आनंद लिया जा सकता है। पन्ना की ड्राई डेसिडुअस वेजिटेशन इसे दूसरे रिजर्व से अलग बनाती है।
पेंच टाइगर रिजर्व
(Picture Courtesy: Pench Tiger Reserve)
पेंच टाइगर रिजर्व का नाम इस क्षेत्र से बहने वाली पेंच नदी के नाम पर रखा गया है। यह रिजर्व न केवल मध्य प्रदेश में बल्कि पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र तक भी फैला हुआ है। यह वही जंगल है जिसने मशहूर लेखक रुडयार्ड किपलिंग को उनकी ‘द जंगल बुक’ लिखने के लिए प्रेरित किया था। मोगली की कहानियों से जुड़े होने के कारण इसकी लोकप्रियता काफी ज्यादा है। यहां पाए जाने वाले बाघ, तेंदुए, जंगली कुत्ते चीतल और सांभर) पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। यह पक्षी प्रेमियों के लिए भी एक शानदार जगह है।
माधव नेशनल पार्क
माधव नेशनल पार्क शिवपुरी जिले में स्थित है और इसका नाम ग्वालियर के महाराजा माधव राव सिंधिया के नाम पर रखा गया है। यह अपने हरे-भरे घास के मैदानों और खूबसूरत झीलों के लिए जाना जाता है। यह वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन और टूरिज्म के लिए जाना जाता है। यहां चीतल, चिंकारा, नीलगाय, मगरमच्छ, तेंदुए और कई तरह के पक्षी देखे जा सकते हैं।
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