महागठबंधन का गढ़ ओबरा विधानसभा में एक बार जीती है भाजपा
मनीष कुमार, औरंगाबाद। काराकाट लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली ओबरा विधानसभा सीट को महागठबंधन का गढ़ माना जाता है। इस सीट पर अब तक के चुनाव परिणामों को देखने से स्पष्ट है कि यहां राजद, कांग्रेस और वाम दलों का दबदबा रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ओबरा और दाउदनगर प्रखंड को मिलाकर यह विधानसभा क्षेत्र बना है। इस सीट से अब तक मात्र एक बार वर्ष 1980 में भाजपा के वीरेंद्र प्रसाद सिंह विधायक बने थे। इसके बाद भाजपा या एनडीए के किसी प्रत्याशी को जीत नहीं मिली है।
2005 से राजद का कब्जा
राजद ने इस सीट से तीन बार जीत दर्ज की है। 2005 में सत्यनारायण यादव, 2015 में बीरेंद्र यादव और 2020 में ऋषि यादव विधायक बने। कांग्रेस ने भी तीन बार यहां से जीत हासिल की है। 1962 में दिलकेश्वर राम, 1967 में रघुवंश सिंह और 1972 में नारायण सिंह कांग्रेस से विधायक बने।
वहीं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी माले के राजाराम सिंह (वर्तमान सांसद) ने 1995 और 2000 में जीत दर्ज की थी। इस विधानसभा से 1952 में सोशलिस्ट पार्टी के पदारथ सिंह पहले विधायक बने थे, जबकि बाद में वे 1969 में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से भी विजयी हुए।
महागठबंधन और एनडीए के बीच मुकाबला
1977 में जनता पार्टी, 1985 में लोकदल और 1990 में जनता दल से रामविलास सिंह ने जीत दर्ज की। 2010 में ओबरा में थानेदारी कर चुके सोम प्रकाश विधायक बने थे। वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में राजद के ऋषि कुमार ने लोजपा के प्रकाश चंद्रा को हराकर जीत दर्ज की थी।
ऋषि को 63,662 वोट मिले थे, जबकि प्रकाश चंद्रा को 40,994 वोट प्राप्त हुए थे। जदयू के सुनिल कुमार 25,234 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे। इस बार भी मुकाबला महागठबंधन और एनडीए के उम्मीदवारों के बीच होने की संभावना है।
विधानसभा में 3,18,212 मतदाता
ओबरा विधानसभा क्षेत्र में कुल 3,18,212 मतदाता हैं, जिनमें 1,68,528 पुरुष, 1,49,674 महिला और 10 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं। इसके अलावा 1,223 सर्विस वोटर और 3,092 दिव्यांग मतदाता हैं।
387 मतदान केंद्र
इस विधानसभा में कुल 387 मतदान केंद्र है। जिसमें दाउदनगर प्रखंड में 184 और ओबरा प्रखंड में 203 बूथ है। |