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उत्तराखंड के इन 2 जिलों के किसानों की बदलेगी किस्मत, इस खास योजना से हो जाएंगे मालामाल

LHC0088 2025-10-8 16:36:43 views 754

  खेती-किसानी की दृष्टि से संवरेगी चमोली व अल्मोड़ा की तस्वीर।





राज्य ब्यूरो, देहरादून। कृषि में कम उत्पादकता, कम क्रय शक्ति जैसे तमाम विषयों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना के तहत देशभर में जिन 100 जिलों को कृषि की दृष्टि से आकांक्षी घोषित किया है, उनमें उत्तराखंड के चमोली व अल्मोड़ा भी शामिल हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

कृषि एवं कृषक कल्याण समेत 11 विभागों की विभिन्न योजनाओं से इन दोनों जिलों को संतृप्त किया जाएगा, ताकि वे अन्य जिलों की बराबरी कर सकें। कृषि आकांक्षी जिलों के लिए केंद्र ने नोडल अधिकारी भी नामित कर दिए हैं।



विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले चमोली और अल्मोड़ा जिलों में कृषि के समक्ष अनेक चुनौतियां मुंहबाए खड़ी हैं। अल्मोड़ा जिला पलायन की मार से सर्वाधिक प्रभावित है तो चमोली के तमाम गांवों को मौसम की मार से जूझना पड़ता है। इस सबका असर खेती-किसानी पर पड़ा है।

खेती में कम उत्पादकता, आजीविका के अपेक्षाकृत कम संसाधनों के चलते क्रय शक्ति में कमी, सिंचाई व्यवस्था का अभाव, कौशल विकास व उद्यमिता को प्रभावी उपाय न होने समेत अन्य कारणों से यह दोनों जिले अन्य जिलों की अपेक्षा पिछड़े हैं। इस बीच केंद्रीय कैबिनेट ने कृषि की दृष्टि से देशभर में 100 आकांक्षी जिलों के प्रस्ताव को हरी झंडी दी। इसमें अल्मोड़ा व चमोली को भी शामिल किया गया है।



दोनों जिलों को प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना के तहत सरसब्ज बनाया जाएगा। इसके लिए छह साल की अवधि तय की गई है। विभिन्न विभागों की योजनाओं के क्रियान्वयन के दृष्टिगत केंद्र ने नोडल अधिकारी भी नामित कर दिए हैं।

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में संयुक्त सचिव राधिका झा को अल्मोड़ा और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय में संयुक्त सचिव आशीष जोशी को चमोली का नोडल अधिकारी नामित किया है। इन जिलों में प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना के तहत किए जाने वाले कार्यों की निगरानी नीति आयोग करेगा।


इन विभागों की योजनाएं होंगी संचालित

कृषि एवं कृषक कल्याण, कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा, मत्स्य, पशुपालन व डेरी, सहकारिता, जल संसाधन, खाद्य एवं फल प्रसंस्करण, ग्राम्य विकास, राजस्व, कौशल विकास एवं उद्यमिता, एमएसएमई की योजनाओं से दोनों जिलों के गांवों को संतृप्त किया जाएगा।

इससे पहले वहां का गहन सर्वेक्षण भी होगा। इसके तहत कृषि-बागवानी क्षेत्रफल, उत्पादन, फसल उत्पादकता, फसल पकने के बाद विपणन, सिंचाई सुविधा, मृदा स्वास्थ्य, फसल बीमा, आजीविका के अन्य साधन जैसे बिंदुओं पर सर्वे होगा।
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