पयार जलाने को लेकर नियमों में बदलाव, अब डीएम भी दर्ज करा सकेंगे शिकायत  
 
  
 
  
 
जागरण संवाददाता, बांदा। धान के बचे अवशेष को जलाने से रोकने के लिए बीते कई वर्षों से प्रशासन के अथक प्रयासों के बाद भी पयार जलाने की घटनाओं पर रोक नहीं लगाई जा सकी। इसको लेकर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने गंभीरता दिखाते हुए नियमों में बदलाव करते हुए प्रशासन की शक्तियों को विस्तार किया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
ताकि इसमें प्रभावी रूप से लगाम लगाई जा सके। नए नियमों के तहत अब जिला उपायुक्त, जिलाधिकारी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने शिकायत दर्ज करा सकेंगे। इसमें खास बात यह है कि कार्रवाई न करने पर नोडल अधिकारी पर भी गाज गिरेगी।  
 
  
अक्टूबर के अंत तक किसान करेंगे धान की कटाई   
 
जिले के 2,88,099 किसानों ने 1,10,273 हेक्टेयर रकबे में धान की पैदावार की गई है। धान की फसल तैयार होने की स्थिति में है। अक्टूबर माह के अंत तक किसान इसकी कटाई करेगा। ज्यादातर जिले के किसान धान के बचे अवशेष पयार को नष्ट करने के लिए खेत में ही आग लगाकर छोड़ देता है। जिससे निकला जहरीला धुआं वातावरण को खराब कर देता है।  
 
इससे श्वास के मरीजों के नुकसान करने के अलावा वायु मंडल में आक्सीजन की मात्रा कम व कार्बन डाई आक्साइड की मात्रा बढ़ने लगती है। जो बेहद नुकसानदायक होती है। बीते कई वर्षों से जिले के किसानों को जागरूक करने के अलावा पयार जलाने पर कार्रवाई भी की गई लेकिन इसके बावजूद भी पयार जलाने की घटनाएं होती रहती है। जिसको लेकर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने नियमों में बदलाव करते हुए शासन की शक्तियों को बढ़ा दी है ताकि इसमें प्रभावी रूप से लगाम लगाई जा सके।  
 
  
 
नए नियमों के तहत अब जिला उपायुक्त, जिलाधिकारी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने शिकायत दर्ज करा सकेंगे। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने इसके लिए उन्हें अधिकार दिया है। पहले सिर्फ फ्लाइंग स्क्वाड को ही पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराने अधिकार था।  
इनके खिलाफ भी हो सकती है शिकायत  
 
इसके साथ ही वे कार्रवाई न करने वाले नोडल अधिकारी और सुपरवाइजर आफिसर के खिलाफ भी शिकायत दर्ज करा सकेंगे। आदेश में कहा गया है कि पयार जलाने के मामलों में कमी लाने के लिए ऐसा करने वाले और पयार जलाने से रोकने में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जरूरत है। यही वजह है कि संबंधित जिलों के अधिकारियों को यह शक्तियां दी जा रही है कि वह दोषियों के विरुद्ध शिकायत दर्ज करा सकें।  
 
   
  
पयार जलाने की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए नियमों में बदलाव व अधिकार बढ़ाए गये हैं। किसानों को चाहिए कि वह पयार न जलाएं। इसको लेकर जागरूकता अभियान चलाने के साथ कार्रवाई करने के लिए नोडल अधिकारी बनाए जाएगें। - जे.रीभा, जिलाधिकारी, बांदा   |