TIME 100 NEXT: यहां देखें छह सफल लोगों की कहानी।
एजुकेशन डेस्क, नई दिल्ली: भारत की युवा न केवल अपने सपनों को साकार कर रही हैं, बल्कि वैश्विक मंच पर अपनी प्रेरणा, सफलता, नवाचारों और कौशल से एक अलग पहचान भी बना रही है। भारतीय युवाओं का वैश्विक स्तर पर प्रभाव सीमित नहीं है, बल्कि भारत के ही अलग-अलग क्षेत्र से संबंध रखने वाली युवा वैश्विक स्तर पर अपने विचारों और सफलता से दुनिया के लाखों युवाओं को प्रेरित भी कर रही है। दरअसल हाल ही में टाइम मैगजीन ने अपनी \“100 नेक्स्ट\“ लिस्ट जारी की है, जिसमें छह भारतीय मूल की शख्सियत ने इस लिस्ट में अपनी जगह बनाई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
टाइम मैगजीन \“100 नेक्स्ट\“ लिस्ट में बिजनेस मनोरंजन, खेल, राजनीति, स्वास्थ्य, साइंस आदि क्षेत्र से आने वाले ऐसे दुनिया के ऐसे धुरंधरों को शामिल किया जाता हैं, जो न केवल अपने क्षेत्र में कमाल कर रहे है, बल्कि अपनी सख्सियत से लोगों को प्रेरित भी कर रहे हैं।
इस लेख के माध्यम से इस टाइम मैगजीन \“100 नेक्स्ट\“ की लिस्ट में शुमार आज उन 6 भारतीयों के बारे में विस्तार से जिक्र किया गया है, जिन्होंने अपने करियर की शुरुआत शून्य की ओर शिखर तक का सफर तय किया।
यशस्वी जायसवाल
टाइम मैगजीन \“100 नेक्स्ट\“ की लिस्ट में अपनी जगह बनाने वाले भारतीय क्रिकेटर यशस्वी जायसवाल का जीवन बिल्कुल भी सरल नहीं रहा। उन्होंने महज 11 साल ही उम्र में ही अपना घर छोड़ दिया था। अपने जीवन के संघर्षों के बारे में बात करते हुए यशस्वी बताते हैं उन्होंने अपने जीवन में कई कठिनाइयों का सामना किया। प्रैक्टिस के दौरान अपना खर्च उठाने के लिए वह दिन भर प्रैक्टिस किया करते थे और शाम को गोल गप्पे बेचा करते थे। हालांकि उनके जीवन में टर्निंग पॉइंट तब आया जब उनके कोच ने उनके हुनर को पहचाना और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए मार्गदर्शन किया।
ललित केशरे
टाइम मैगजीन \“100 नेक्स्ट\“ की लिस्ट में ललित केशरे का नाम भी शामिल है। ललित केशरे ऑनलाइन स्टॉक ब्रोकिंग प्लेटफॉर्म \“ग्रो\“ एप के संस्थापक है। ललित केशरे ने \“ग्रो\“ एप की शुरुआत साल 2017 में की थी। कंपनी की शुरुआत करने से पहले वह फ्लिपकार्ट में बतौर सीनियर प्रोडक्ट मैनेजमेंट के रूप में कार्यरत थे। नौकरी से इतर ललित अपने जीवन में कुछ अलग करना चाहते थे, इसलिए उन्होंने नौकरी छोड़ अपने तीन दोस्तों के साथ मिलकर \“ग्रो\“ की शुरुआत की। आज ग्रो कंपनी की पैरेंट कंपनी का वैल्यूशन लगभग 62 हजार करोड़ है।
शांतनु अग्रवाल
माटी कार्बन के संस्थापक शांतनु अग्रवाल ने एग्रीकल्चर के क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि की है। \“माटी कार्बन\“ कंपनी बारीक पिस बोसाल्ट पत्थर का खेतों में छिड़काव करती है, जिससे कार्बन सालों तक मिट्टी में मौजूद रहता है। शांतनु अग्रवाल ने आईआईटी रुड़की से केमिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की है। वह अपने कॉलेज के गोल्ड मेडलिस्ट भी रहे हैं। यही नहीं शांतनु ने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एमबीए भी किया है और इस दौरान उन्होंने यहां एंटरप्रेन्योरशिप के क्षेत्र में ड्यूबिलियर प्राइज भी जीता है। आज शांतनु एग्रीकल्चर में सुधार कर हजारों कृषि प्रेमियों को प्रेरित और लोगों को जागरूक कर रहे हैं।
डॉ नील वोरा
भारतीय मूल के नील वोरा का नाम भी टाइम मैगजीन \“100 नेक्स्ट\“ की लिस्ट में शामिल है। वह एक फिजिशियन और एपिडेमियोलॉजिस्ट है। बता दें, नील वोरा ने अपना पूरा करियर महामारियों को शुरुआती चरण में ही रोकने और मानव स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए समर्पित कर दिया है। नील वर्तमान में कंजर्वेशन इंटरनेशनल वन हेल्थ के सलाहकार है। आज वे अपने काम से हजारों युवाओं को प्रेरित कर रहे हैं।
श्रेया मूर्ति
भारतीय मूल की श्रेया मूर्ति आज एक सफल एंटरप्रेन्योर के रूप में अपना नाम शुमार कर चुकी हैं। उन्होंने अपने बिजनेस आइडिया से न केवल जन्मदिन शादी, पार्टी और अन्य आयोजनों की रौनक बढ़ाई, बल्कि मार्केट में एक नया ट्रेंड भी सेट किया। \“पार्टिफुल\“ की संस्थापक श्रेया मुर्ति का मानना है कि हमारे जीवन के सबसे अच्छे पल ऑफलाइन होते हैं। श्रेया ने अपनी कंपनी की शुरुआत साल 2020 में उस वक्त की थी, जब दुनिया महामारी से जूझ रही थी। श्रेया बताती है कि महामारी के दौरान हम सभी ने महसूस किया कि मिलना-जुलना हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए कितना महत्वपूर्ण है। आज श्रेया की कंपनी \“पार्टिफुल\“ का लगभग 100 से ज्यादा देशों में इस्तेमाल किया जा रहा है। बता दें, इस साल की शुरुआत में ही \“पार्टिफुल\“ से लगभग 50 लाख नए यूजर्स जुड़े हैं।
कार्तिक कुमरा
कार्तिक कुमरा ने फैशन इंडस्ट्री के क्षेत्र में अपनी काबिलियत व हुनर से सफलता हासिल की है। दरअसल कार्तिक कुमरा ने अपनी कंपनी की शुरुआत अपने ही नाम \“कार्तिक रिसर्च\“ फैशन ब्रांड से की। टाइम मैगजीन \“100 नेक्स्ट\“ की लिस्ट में उनका नाम इसलिए भी शामिल हैं, क्योंकि वह फैशन जगत में एक ऐसे लीडर के रूप में अपनी पहचान बना रहे हैं, जो भारतीय शिल्प को हाशिये से उठाकर उसे वैश्विक पहचान दिलाने के लिए पूरी मेहनत कर रहे हैं। कार्तिक कुमरा ने महामारी के दौरान कार्तिक \“रिसर्च ब्रांड\“ की शुरुआत की थी। उनके डिजाइन में कांथा और चिकनकारी जैसी पारंपरिक कढ़ाइयों का उपयोग किया जाता है।
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