कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने केंद्रीय महिला, बाल विकास मंत्री के साथ हुई वर्चुअल बैठक में अहम सुझाव रखे। सूवि  
 
  
 
  
 
राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में आधी आबादी किस तरह से सशक्त भूमिका निभा सकती है, इसके लिए उत्तराखंड की ओर से केंद्र के समक्ष व्यापक रोडमैप रखा गया। इस क्रम में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नापूर्णा देवी के साथ हुई वर्चुअल बैठक में राज्य की महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने 20 से अधिक सुझाव प्रस्तुत किए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि स्थानीय निकायों को मिलने वाले बजट का 10 प्रतिशत हिस्सा महिला व बच्चों के विकास पर खर्च किया जाना चाहिए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
  
 
  
 
केंद्रीय मंत्री की राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्रियों के साथ हुई बैठक से कैबिनेट मंत्री आर्या सचिवालय से वर्चुअल माध्यम से जुड़ी। उन्होंने सुझाव दिया कि महिला सशक्तीकरण के लिए तकनीकी कौशलयुक्त वर्कफोर्स तैयार की जानी चाहिए और कार्मिकों की अर्हता में भी तकनीकी कौशल शामिल किया जाना जरूरी है।  
 
उन्होंने विभाग की कार्यप्रणाली में आमूलचूल बदलाव पर भी जोर दिया और कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों की भूमिका को भी पूरी तरह डिजिटाइज करते हुए और व्यापक व कारगर बनाया जाना चाहिए। उन्होंने यूरोप की तर्ज पर महिला व बाल विकास में महिला कार्यबल की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत तक बढ़ाने, आंगनबाड़ी केंद्रों को डे बोर्डिंग स्कूल के रूप में संचालित करने, गर्भवती महिलाओं की देखभाल व छह वर्ष की आयु तक के शिशुओं के पोषण व शिक्षण कार्य के दृष्टिगत नियमित रूप से शोध एवं सोशल आडिट कराने, आंगनबाड़ी केद्रों के ग्रेडिंग की व्यवस्था पर बल दिया।  
 
  
 
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मंत्री आर्या ने ये भी दिए सुझाव   
 
  
  
 - किशोरी बालिका परियोजना का सभी जिलों में विस्तार कर इसमें कौशल विकास पर हो जोर। 
 
  -  शिशुओं की पोषण मानक दर को संशोधित कर बढ़ाया जाए। 
 
  - आंगनबाड़ी केंद्रों की मरम्मत बजट को तीन से बढ़ाकर 10 हजार किया जाए। 
 
  -  मनरेगा में आंगनबाड़ी केंद्र निर्माण में बजट का 80 प्रतिशत मटीरियल और 20 प्रतिशत श्रमिकों के लिए सुनिश्चित किया जाए। 
 
  - टेक होम राशन योजना में फेस रीडिंग सिस्टम के साथ-साथ ओटीपी को भी शामिल किया जाए। 
 
  - मिशन शक्ति के लिए आईटी विशेषज्ञ का पद सृजित किया जाए। 
 
  - पीएम मातृवंदन योजना के पोर्टल को यूजर फ्रेंडली बनाया जाए। 
 
  - बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान में बालिकाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए छात्रवृत्ति दी जाए। 
 
  - वन स्टाप सेंटर के जरिए महिलाओं को तत्काल सहायता पहुंचाने को दो वाहनों का आवंटन किया जाए। 
 
  - मिशन वात्सल्य में जिस प्रदेश का बच्चा हो उसी प्रदेश के लोगों को उसे गोद लेने में प्राथमिकता दी जाए। 
 
  - स्पांसरशिप योजना में जो भी पात्र हो उसे इसका लाभ दिलाया जाए। 
 
  - मिशन शक्ति और मिशन वात्सल्य के कार्मिकों के मानदेय में वार्षिक बढ़ोतरी की जाए। 
 
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