बदुआ डैम में गाद से संकट, पर्यटन और सिंचाई प्रभावित। फोटो जागरण  
 
  
 
  
 
 संवाद सूत्र, बेलहर (बांका)। विधानसभा चुनाव नजदीक है। ऐसे में क्षेत्र की समस्याएं नेताओं के समक्ष उठने लगी है। इसी क्रम में बदुआ डैम से गाद निकालने की मांग भी शामिल है।   
 
  
 
 वर्ष 1957-58 में शुरू हुए इस डैम निर्माण कार्य को 1962 में पूरा किया गया था। कभी यह डैम जिले के सबसे बड़े जलाशयों में गिना जाता था, लेकिन आज गाद से भरकर तालाब का रूप ले चुका है।   
 
  
 
  
 
 नतीजतन रबी फसल के समय सिंचाई संकट गहराता जा रहा है।बदुआ डैम का विस्तार चार किलोमीटर से अधिक लंबाई-चौड़ाई में फैला हुआ है। जिलेबिया और सुग्गीखांड़ जंगल व पहाड़ों की हसीन वादियों के बीच स्थित यह डैम प्राकृतिक सौंदर्य का अनोखा उदाहरण है।  विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
  
 
 सुबह पूरब दिशा से निकलते सूर्य की लालिमा और शाम ढलते सूर्य का नजारा पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है। हालांकि, खंडहर हो चुके ‘नौलखा भवन’ (आइबी) पर्यटकों की निराशा बढ़ा देता है।   
 
  
 
  
 सिंचाई का संकट  
  
   
 
 बदुआ डैम से करीब 48 हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित होती है। इसमें पश्चिमी नहर से संग्रामपुर, तारापुर और असरगंज (मुंगेर) के लगभग 23 हजार हेक्टेयर क्षेत्र को पानी मिलता है, जबकि पूर्वी नहर से बेलहर और शंभूगंज प्रखंड क्षेत्र की करीब 22,195 हेक्टेयर भूमि सिंचित होती है।   
 
  
 
  
 
 लेकिन गाद भरने और नहरों के असंतुलित ढांचे के कारण किसान अक्सर सिंचाई संकट झेलते हैं। बेलहरना डैम की स्थिति भी चिंताजनक है।   
 
  
 
 यहां से मात्र दो हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित होती है। 424.50 फिट पर ही सिंचाई संभव है और 422 फिट के बाद यह मृत अवस्था में पहुंच जाता है।   
 
   
  
 बदुआ डैम ने कभी बंजर जमीन को उपजाऊ बनाया था। अब गाद भरने से रबी फसल संकट में है। - किसान तेज नारायण साह   
  
  
  
  
  
 गाद सफाई के बिना गंगाजल परियोजना का भी लाभ किसानों तक नहीं पहुंचेगा। इसलिए गाद निकालना जरूरी है। - इंद्रदेव गुप्ता   
  
  
  
 सिंचाई सुविधा के साथ बेहतर पर्यटन स्थल है। खंडहर आइबी भवन का जीर्णोद्धार जरूरी है। - प्रदीप यादव   
  
  
  
 सिंचाई के लिए विधायक के प्रयास से गंगा नदी का पानी पाइप से पहुंचाने की योजना है। इससे किसानों को लाभ मिलेगा। - कुंदन सिंह   
  
  
  
  
  
 सरकार बदुआ डैम से गाद हटाने और जल संचय की दिशा में सक्रिय है। सिंचाई को सुदृढ़ करने के लिए 18 सौ करोड़ रुपये की लागत से गंगाजल परियोजना स्वीकृत की गई है, जिसका काम शुरू हो चुका है। बदुआ डैम जल्द ही एक सशक्त पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा। - मनोज यादव, जदयू विधायक, बेलहर    |