एमसीडी के पार्कों में मधुमक्खी से लेकर मकड़ी करेगी बच्चों को आकर्षित।  
 
  
 
  
 
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। बच्चों में बढ़ रही मोबाइल देखने की आदत को कम कराने और शारीरिक गतिविधि बढ़ाने के लिए एमसीडी दिल्ली में थीम के साथ 12 पार्कों को बनाएगी।  
 
इसके लिए तीन पार्कों की मंजूरी दे दी गई है। जल्द ही इन पर काम शुरू होगा। एमसीडी के अनुसार मायापुरी, ग्रेटर कैलाश-2 एम ब्लाॅक और साकेत जैसे स्थानों पर थीम पार्क बनेंगे।  
 
इससे पूर्व निगम ने सबसे पहले ग्रेटर कैलाश में ही नंदन वन जैसा पार्क बनाकर बच्चों को काफी आकर्षित किया था।  
 
  
 
चूंकि अब बच्चों को मोर, स्पाइडर मैन, हाथी जैसे कार्टून कैरेक्टर या उनकी तस्वीरें ज्यादा भाती हैं इसलिए निगम के यह थीम पार्क उसी के आधार पर होंगे।  
 
  
 
एमसीडी के अनुसार एमसीडी के प्रत्येक जोन में एक पार्क बनेगा तो ऐसे में 12 जोन में 12 पार्क बनेंगे। इसमें थीम जंगल बुक से लेकर समुद्री जीवन, मोर और कीड़े के साथ ऑक्टोपस आधारित होगी।  
 
  
 
एमसीडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दैनिक जागरण को बताया कि नंदन वन के साथ ही एमसीडी ने डायनासोर थीम आधारित पार्क वेस्ट टू वंडर में बनाया था। जहां कबाड़ का उपयोग करके डायनासोर की आकृति दी गई थी।  
 
  
 
साथ ही झूले भी इसमें बनाए गए थे। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार के पार्क तीन स्थानोें पर बनाने के कार्यादेश जारी कर दिए गए हैं। एक से तीन करोड़ की लागत से बनने वाले इन पार्कों झूला, स्लाइडिंग झूला, बैलेंस बीम, सुरंग जैसे उपकरण डिजाइन किए जाएंगे।। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
अधिकारी ने बताया कि कि रोहिणी के टीचर पार्क में बन रहे पार्क का काम अंतिम चरण में है, जबकि नेहरू प्लेस फ्लाईओवर के पास कालकाजी पार्क में कलाकृतियों को लगाने का कार्य शुरू हो गया है। जहां पर कीड़ो की थीम वाला पार्क बन रहा है।  
 
  
 
  
 
निगम के अनुसार ग्रेटर कैलाश-2 एम ब्लाॅक मार्केट पार्क की थी गरुड़ आधारित होगी। जबकि साकेत, मायापुरी पार्क की थीम जंगल बुक होगी। करोल बाग के अजमल खान पार्क में ऑक्टोपस थीम आधारित पार्क बनेगा।  
 
  
 
अधिकारी ने आगे बताया कि डायनासोर पार्क में जहां वेस्ट टू आर्ट का उपयोग किया गया था लेकिन इन पार्कों में यह थीम नहीं होगा। यहां पर विभिन्न आकृतियां अलग-अलग वस्तुओं की बनी होगी।  
 
  
 
जिसमें तितलियां कीड़े, मकड़ी, मधुमक्खी होगी। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य के बच्चे पार्कों में आए तो उनका भी मनोरंजन हो और वह कम से कम उतनी दूर तो मोबाइल से दूर रहे जब वह पार्क में हो। क्योंकि आजकल बच्चों में मोबाइल का उपयोग बहुत बड़ गया है।  
 
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