संवाद सहयोगी, मुजफ्फरनगर। राजधानी दिल्ली में हुए धमाके के बाद से जनपद की पुलिस और खुफिया एजेंसियों द्वारा बाहरी लोगों की सत्यापन किया जा रहा है। इसके अलावा किराएदारों के सत्यापन की प्रक्रिया भी चल रही है। ऐसे में पुलिस को जनपद में प्रैक्टिस करते हुए तीन कश्मीरी चिकित्सक मिले हैं, जिनकी कुंडली खंगाली जा रही है। जिले के शिक्षण संस्थानों, मदरसों और कोचिंग सेंटर्स में पढ़ने वाले बाहरी राज्यों के छात्रों विशेषकर कश्मीर से आए विद्यार्थियों और शिक्षकों का सत्यापन अभियान तेज़ कर दिया गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जनपद में खुफिया विभाग के इनपुट के बाद पुलिस ने बाहरी लोगों का डाटा जुटाना शुरू किया है। बेगराजपुर स्थित मुज़फ्फरनगर मेडिकल कालेज, फुलत मदरसा और भोपा में स्थित मदरसा समेत तमाम संस्थानों में जांच की जा रही है। एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने बताया कि जनपद में तीन कश्मीरी चिकित्सक भी मिले हैं। उनके बारे में पुलिस गहनता से जानकारी कर रही है। वह कब से यहां प्रैक्टिस कर रहे हैं, उनके संपर्क कहां-कहां है। इन सबके बारे में जानकारी की जा रही है।
खंगाला जा रहा मोबाईल का डाटा
मोबाइल का डाटा भी खंगाला जा रहा है। बता दें कि जिल के शिक्षक संस्थानों में भी ऐसे छात्र चिन्हित हुए हैं, जो जम्मू-कश्मीर से यहां पढ़ने आए हैं। मेडिकल कालेज में छात्र व स्टाफ समेत लगभग 11 कश्मीरी, फुलत मदरसे में लगभग सात और भोपा मदरसे में चार-पांच कश्मीरी छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
खुफिया एजेंसी लगातार सक्रिय रूप से काम कर रही है और छात्रों का मूल स्थान, परिवार, पहचान से जुड़े दस्तावेज़ तथा मौजूदा गतिविधियों की पड़ताल कर रही हैं। एसएसपी का कहना है कि यह किसी प्रकार की तंग करने की कार्रवाई नहीं है, बल्कि दिल्ली धमाके जैसी घटनाओं के बाद सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने का एक मानक कदम है। सुरक्षा के तहत उनका ब्योरा संकलित किया जा रहा है। सभी से सहयोग की अपेक्षा है। हालांकि अभी तक के सत्यापन अभियान के दौरान किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि या आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं मिली है। फिर भी एजेंसियां गहनता से जांच कराई जा रही है।
संस्थानों के प्रबंधकों से भी किया जा रहा संवाद
उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा विभिन्न संस्थानों के प्रबंधकों से भी संवाद किया जा रहा है और उन्हें सुरक्षा गाइडलाइन जारी की गई है। जिनमें हास्टल रजिस्टर अपडेट रखना, प्रवेश-निष्क्रमण की निगरानी, बाहरी व्यक्तियों की एंट्री को दर्ज करना और आपात स्थिति में तुरंत सूचित करने जैसी बातें शामिल हैं। बता दें कि जिले में बड़ी संख्या में बाहरी छात्र पढ़ने आते हैं, ऐसे में सुरक्षा प्रोटोकाल समय-समय पर अपडेट करना ज़रूरी है। |