यमुना में क्रूज की सवारी के लिए बढ़ा इंतजार। आर्काइव
राज्य ब्यूरो,नई दिल्ली। बाढ़ ने यमुना में क्रूज को उतारने के प्लान पर पानी फेर दिया है। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत नवंबर में वाटर टैक्सी के नाम से जो क्रूज सेवा शुरू होनी थी, अब इसे जनवरी तक के लिए टाल दिया गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पर्यटन के विकास के तहत जगतपुर (शनि मंदिर) से सोनिया विहार तक करीब छह किलोमीटर तक यह सेवा शुरू होनी थी। पहले चरण में दो क्रूज यमुना में उतारे जाने थे।
दिल्ली सरकार के सूत्रों ने कहा सोनिया विहार में जिस स्थान पर क्रूज पर चढ़ने और उतरने का स्टाॅप बनाया जाना था, वहां पर बाढ़ से बहुत मिट्टी आ चुकी है, मिट्टी हटाने में काफी समय लगेगा।
उसके बाद ही सेवा को शुरू किया जा सकेगा। अनुमान है कि अब अगले साल की शुरुआत में यह सेवा शुरू हो सकेगी। टिकटों की कीमत अभी तय नहीं हुई है।
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इस परियोजना के तहत जगतपुर से सोनिया विहार में वजीराबाद बैराज तक सेवा शुरू होनी थी। इसके लिए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस साल मार्च में घोषणा की थी।
दिल्ली पर्यटन एवं परिवहन विकास निगम (डीटीटीडीसी) के एक अधिकारी ने कहा कि दिल्ली क्रूज सेवा के लिए संबंधित कंपनी का निर्धारण हो चुका है।
इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए पांच एजेंसियों भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आइडब्ल्यूएआई), दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए), दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी),डीटीटीडीसी और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि डीडीए ने इस परियोजना के लिए जमीन उपलब्ध कराई है, जबकि सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग क्रूज के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ सहायता और तटीय सुविधाएं प्रदान करेगा। क्रूज को प्रतिदिन कम से कम चार चक्कर अनिवार्य होंगे।
क्रूज को लेकर ऑपरेटर को करने होंगे ये काम
- क्रूज इलेक्ट्रिक या सोलर हाईब्रिड मोड में होंगे।
- इसमें बैठने की क्षमता 20 से लेकर 30 लोगों की होगी।
- ऑनबोर्ड बायो- शौचालय (शून्य डिस्चार्ज) वाला होगा।
- क्रूज पर घोषणा प्रणाली व ऑडियो वीडियो सुविधा होगी।
- ऑपरेटर द्वारा सभी यात्रियों को सुरक्षा जैकेट, प्राथमिक चिकित्सा किट आदि उपकरण कराने होंगे।
- क्रूज वातानुकूलित होंगे और अधिक से अधिक दो साल से अधिक पुरानी नहीं होंगे।
- क्रूज का संचालन और रखरखाव ऑपरेटर की जिम्मेदारी होगी।
- क्रूज के प्रस्थान से पहले सुरक्षा जांच की जाएगी और यात्रियों को सुरक्षा प्रोटोकाॅल के बारे में जानकारी दी जाना जरूरी होगा।
- मौसम और नदी की स्थिति पर नजर रखी जाएगी।
- यमुना में किसी भी अपशिष्ट निपटान की अनुमति नहीं होगी।
- लोगों की प्रतिक्रिया के आधार पर क्रूज की संख्या बढ़ाई जाएगी।
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