भौतिक–वित्तीय प्रगति, योजनाओं और शिकायतों के निस्तारण की कमिश्नर ने की गहन समीक्षा। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। कमिश्नर अनिल ढींगरा की अध्यक्षता में शुक्रवार को आयुक्त सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में सीएमआइएस की कार्यदक्षता, सीएम डैशबोर्ड पर प्रदर्शित आंकड़ों तथा मंडल स्तरीय निर्माण और विकास परियोजनाओं की गहन समीक्षा की गई। सीएम डैश बोर्ड की अक्टूबर माह की रैंकिंग में मंडल के सभी जिलों के खराब प्रदर्शन पर उन्होंने कड़ी नाराजगी जताई। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कमिश्नर ने स्पष्ट कहा कि समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण डाटा अपलोडिंग अनिवार्य है, क्योंकि शासन स्तर पर वास्तविक प्रगति का मूल्यांकन सीएमआइएस पर उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर ही किया जाता है। उन्होंने कई विभागों की शिथिल रिपोर्टिंग पर नाराजगी जताते हुए नोडल अधिकारियों को कड़ी चेतावनी दी कि प्रतिदिन डाटा अपडेट करने के साथ ही यह सुनिश्चित करें कि परियोजनाओं की वास्तविक स्थिति और पोर्टल पर दर्ज आंकड़ों में किसी भी प्रकार का अंतर नहीं होना चाहिए।
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना की समीक्षा करते हुए कमिश्नर ने पीओ (नेडा) को एलडीएम व विद्युत विभाग से समन्वय बढ़ाकर सोलर स्थापना के कार्य में गति लाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि मंडल के सभी जिलाधिकारी इस योजना की प्रगति की स्वयं निगरानी करें, ताकि निर्धारित लक्ष्यों को समय पर प्राप्त किया जा सके।
फैमिली आइडी की धीमी प्रगति पर भी कमिश्नर ने असंतोष जताया और निर्देश दिया कि सभी जनपद लंबित कार्यों को तेजी से पूर्ण करें। उन्होंने विशेष रूप से लोक निर्माण विभाग, उद्यान, ग्राम्य विकास, ग्रामीण अभियंत्रण, एमएसएमई, दिव्यांगजन सशक्तिकरण, समाज कल्याण, पर्यटन और पंचायती राज विभाग सहित विभिन्न विभागों की योजनाओं व परियोजनाओं में प्रगति लाने के लिए ठोस कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
आइजीआरएस और मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर प्राप्त शिकायतों की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि संतोषजनक निस्तारण सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि शिकायतों के निपटारे में किसी भी स्तर की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। धारा 24, 34, 80 और 116 से जुड़े वादों की समीक्षा के दौरान भी उन्होंने अधिकारियों को निर्धारित समय सीमा में गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित करने को कहा।
कृषि विभाग की समीक्षा में डीडी कृषि द्वारा सभी जनपदों में उर्वरक की पर्याप्त उपलब्धता की जानकारी दी गई। इस पर कमिश्नर ने निर्देश दिया कि कोई भी समिति ऐसी न रहे जहां उर्वरक की कमी हो। कहीं भी कमी पाए जाने पर संबंधित के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को पराली जलाने की घटनाओं पर सतर्क निगरानी रखने और रोकथाम सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बैठक में वर्चुअल माध्यम से देवरिया, कुशीनगर व महराजगंज के जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी व विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
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गोरखपुर को 75वीं और कुशीनगर को 26वीं रैंक
सीएम डैशबोर्ड की अक्टूबर माह की रैंकिंग में गोरखपुर की रैंक लगातार तीसरी बार खिसकर पीछे चली गई है। अगस्त माह की रैंकिंग में जिला 62वें पायदान पर था, जहां से आठ स्थान फिसलकर सितंबर में 70वें स्थान और अब अक्टूबर में सबसे आखिरी पायदान यानी 75वें नंबर पर पहुंच गया है।
वहीं, सितंबर में शानदार प्रदर्शन कर टाप टेन में जगह बनाने वाले कुशीनगर और महराजगंज जिले की भी रैंक नीचे गिरी है। सितंबर में कुशीनगर सातवें पर था, जहां से खिसक कर अक्टूबर में 26वें और महराजगंज आठवें स्थान से खिसकर 12वें स्थान पर पहुंच गया है।
वहीं देवरिया, सितंबर माह में 52वें नंबर पर था, जहां से आठ पायदान खिसकर 60वें नंबर पर पहुंच गया है। हर महीने सीएम डैशबोर्ड की ओर से राजस्व और विकास कार्यों की प्रगति के आधार पर जिलों की रैंकिंग जारी की जाती है। रैंकिंग में जिलों की प्रशासनिक दक्षता, विकास योजनाओं के क्रियान्वयन, और राजस्व निस्तारण की गति का मूल्यांकन आधार बनता है। |