यूपी समेत झारखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश में में शीतलहर की चेतावनी जारी (फोटो- एएनआई)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर भारत में सर्दी जोर पकड़ चुकी है। दिल्ली में सुबह कोहरे के साथ कड़ाके की ठंड पड़ रही है। अब सुबह और देर शाम ठंड का असर साफ देखने को मिल रहा है। कई क्षेत्र जैसे कि पूर्वी राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, झारखंड और छत्तीसगढ़ में भारतीय मौसम विभाग द्वारा शीत लहर की चेतावनी जारी कर दी गई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
यूपी समेत इन राज्यों में शीतलहर की चेतावनी जारी
मौसम विभाग ने पूर्वी राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और झारखंड सहित कई राज्यों में आज नवंबर को शीतलहर की चेतावनी जारी की है। तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश और अंडमान में भारी बारिश का अलर्ट है। उत्तरी भारत में अगले 24 घंटे बाद तापमान में 3-4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आ सकती है।
आज तमिलनाडु, केरल होगी मूसलाधार बारिश
मौसम विभाग ने तमिलनाडु, केरल और माहे के कुछ इलाकों में 16 नवंबर तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। वहीं, 16-18 नवंबर तक आंध्र प्रदेश और अंडमान एवं निकोबार द्वीप पर तेज बरसात की संभावना है।
यूपी के इन जिलों में पड़ेगी ठंड
आज गाजियाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर, गोरखपुर, कानपुर, वाराणसी, इटावा, कन्नौज, अयोध्या, आगरा, अलीगढ़, फिरोजाबाद, झांसी, ललितपुर, जालौन, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, अमेठी, प्रतापगढ़, कौशाम्बी, प्रयागराज, मिर्जापुर, सोनभद्र, महराजगंज, बहराइच, रामपुर, बरेली और गाजीपुर में सुबह के समय हल्का कोहरा नजर आ सकता है। हालांकि दिन चढ़ने के साथ यहां धूप खिली रहेगी, लेकिन शाम होने के साथ फिर सर्द का अहसास होगा।
तीन-चार दिनों में न्यूनतम तापमान सात से 10 डिग्री के बीच पहुंच जाएगा
आइएमडी के पूर्वानुमान के मुताबिक अगले तीन से चार दिनों में जम्मू-कश्मीर, लद्दाख में कई स्थानों पर, जबकि पंजाब, हिमाचल, हरियाणा, उत्तराखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर न्यूनतम तापमान सात से दस डिग्री के बीच रह सकता है। ला-नीना का प्रभाव केवल तापमान तक सीमित नहीं है। यह बारिश और हवाओं के पैटर्न को भी प्रभावित करता है।
इस बार जल्दी शुरू हुई सर्दी, फरवरी तक बना रहेगा इसका असर
आम तौर पर मानसून के दौरान ला-नीना अधिक वर्षा लाता है, लेकिन सर्दियों में यह ठंडी हवाओं को और तीव्र कर देता है। कोहरे और शीतलहर के कारण परिवहन और स्वास्थ्य दोनों पर असर पड़ने की आशंका है। ²श्यता में कमी से सड़क और रेल यातायात प्रभावित हो सकता है। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि इस बार सर्दी जल्दी शुरू हुई है और इसका असर फरवरी तक बना रह सकता है। |