LHC0088 • 2025-11-15 05:06:02 • views 533
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मेडिकल कॉलेजों में फर्जी प्रमाणपत्रोंं से नामांकन के मामले में सीआइडी जांच का आदेश दिया है।
राज्य ब्यूरो, रांची । राज्य के सरकारी तथा निजी मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस तथा पीजी मेडिकल में फर्जी प्रमाणपत्र से नामांकन मामले की सीआइडी जांच करेगी। मुख्यमंत्री हेमंत साेरेन ने फर्जी जाति, स्थायी निवासी तथा ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र के आधार पर नामांकन लेने के मामले को गंभीरता से लेते हुए अंतर विभागीय समिति गठित कर इसकी जांच करने का आदेश दिया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इस समिति में कार्मिक विभाग, स्वास्थ्य विभाग तथा राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के पदाधिकारी होंगे। इस समिति की रिपोर्ट के आलोक में मामले की जांच सीआइडी द्वारा की जाएगी। सीआइडी मामले में प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई करेगी।
इधर, फर्जी प्रमाणपत्र से नामांकन लेने का मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने एमबीबीएस नामांकन के लिए चल रही स्ट्रे राउंड की काउंसिलिंग पर रोक लगा दी है। विभाग के निर्देश पर झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद ने इसकी सूचना जारी करते हुए कहा कि विभाग के अगले आदेश के बाद यह काउंसिलिंग होगी।
स्ट्रे राउंड की छह नवंबर से ही चल रही काउंसिलिंग के तहत शुक्रवार से सीटों के आवंटन होना था, जबकि शनिवार से संस्थानों में नामांकन होना था। पर्षद द्वारा नामांकन की अंतिम तिथि 20 नवंबर निर्धारित की गई थी।
केंद्र से स्ट्रे राउंउ की काउंसिलिंग की तिथि बढ़ाने की मांग
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्ट्रे राउंड की काउंसिलिंग की तिथि बढ़ाने के लिए भारत सरकार को पत्र भेजने का निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दिया है ताकि मामले की जांच के बाद ही काउंसिलिंग आयोजित की जा सके। स्वास्थ्य विभाग ने इसे लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय तथा नेशनल मेडिकल काउंसिलिंग कमेटी को आग्रह पत्र भेज दिया है।
क्या है पूरा मामला
एमबीबीएस में नामांकन के लिए अबतक हुई काउंसिलिंग में कुछ छात्रों द्वारा फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर नामांकन की शिकायत मुख्यमंत्री को मिली थी। बताया जाता है कि रांची के रिम्स, हजारीबाग के शेख भिखारी मेडिकल कालेज तथा दुमका के फूलो झानो मेडिकल कालेज में लगभग 10 छात्रों द्वारा अनुसूचित जनजाति के फर्जी प्रमाणपत्र बनाकर आरक्षण का लाभ लेते हुए नामांकन लिया गया।
स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में 20 जिलों के उपायुक्तों से रिपोर्ट भी मांगी है। दैनिक जागरण ने शुक्रवार (14 नवंबर) के अंक में इस मामले को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। |
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