दिल्ली ब्लास्ट की जांच में तुर्किये का नाम
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत और तुर्किये के संबंध पहले से ही खराब हैं और दिल्ली बम विस्फोट की जांच में जो सवाल उपजे हैं, उसके बाद ये संबंध और खराब हो सकते हैं। वजह यह है कि जांच एजेंसियों को इस बात की सूचना मिली है कि 10 नवंबर को लाल किले के निकट हुए विस्फोट के साजिशकर्ताओं के तार तुर्किये से जुड़े हुए हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बहरहाल, तुर्किये सरकार ने इन आरोपों का एक सिरे से खंडन किया है और इन्हें दुष्प्रचार बताते हुए कहा है कि इससे द्विपक्षीय संबंधों पर उल्टा असर होगा। “ऑपरेशन ¨सदूर\“\“ के दौरान तुर्किये ने पाकिस्तान को खुली सैन्य सहायता प्रदान की थी। कश्मीर मुद्दे पर भी तुर्किये भारत के लिए सिरदर्दी पैदा करता रहा है।
दिल्ली ब्लास्ट की जांच में तुर्किये का नाम
तुर्किये संचार निदेशालय के डिसइनफॉर्मेशन काउंट¨रग सेंटर ने बयान जारी कर कहा, “भारत या किसी अन्य देश के खिलाफ कट्टरपंथीकरण गतिविधियों में तुर्किये की संलिप्तता के दावे पूरी तरह निराधार हैं। यह द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान पहुंचाने वाली दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार का हिस्सा है। अंतरराष्ट्रीय शांति, सुरक्षा और स्थिरता में तुर्किये के योगदान को कमतर करने की कोशिश है।\“\“
तुर्किये दूतावास ने भी सोशल मीडिया पर सफाई दी कि अंकारा सभी प्रकार के आतंकवाद का विरोध करता है। तुर्किये ने चेतावनी दी कि ऐसी रिपोर्टें दोनों देशों के बीच व्यापारिक और कूटनीतिक संबंधों को प्रभावित करेंगी।
तुर्किये ने आरोपों को बताया दुष्प्रचार
भारत-तुर्किये संबंध 2025 में पहले ही न्यूनतम पायदान पर हैं। अप्रैल 2025 में पहलगाम (जम्मू-कश्मीर) में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने जब पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को धवस्त करने के लिए “ऑपरेशन सिंदूर\“\“ चलाया था तो तुर्किये ने पाकिस्तान का खुला समर्थन किया।
तुर्किये ने बायरक्तार टीबी2 और सॉन्गार जैसे द्रोन पाकिस्तान को दिए और अपने सैन्य सलाहकारों की नियुक्ति भी की थी। यह सूचना भी है कि भारत की कार्रवाई में तुर्किये के दो सैन्य संचालकों की मौत भी हुई थी।
पाक के मसले पर भारत-तुर्किये में तनाव
तुर्किये कश्मीर मुद्दे पर हमेशा से पाकिस्तान का साथ देता रहा है और संयुक्त राष्ट्र जैसे मंचों पर भारत की आलोचना भी करता है। भारत ने भी तुर्किये के खिलाफ कई बार जवाबी कार्रवाई की है। भारत ने चेलेबी एविएशन होल्डिंग जैसी तुर्किये फर्मों की सुरक्षा मंजूरी रद्द करने का कदम उठाया है।
उधर, भारतीय जांच एजेंसियों के पास इस बात की पुख्ता सूचना है कि दिल्ली बम विस्फोट के प्रमुख साजिशकर्ताओं ने वर्ष 2022 में तुर्किये की यात्रा की थी। वहां उनकी उकासा नाम के एक हैंडलर से मुलाकात की थी। इस व्यक्ति के जैशे-मोहम्मद और हरकत-उल-अंसार जैसे आतंकी संगठन के साथ संबंध है। |