अनूप कुमार सिंह, नई दिल्ली। लाल किला विस्फोट के आतंकी डाॅ. उमर की पहचान माइटोकांड्रियल डीएनए (एमडी-डीएनए) जांच से हुई। आतंकी के दांत और पैर की हड्डी के डीएनए का मिलान उसकी मां और भाइयों के लार, खून से लिए गए डीएनए से हुआ। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
एम्स फोरेंसिक विभाग व फोरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) रोहिणी के विशेषज्ञों ने धमाके में इस्तेमाल हुई आई-20 कार से मिले शरीर के छोटे-बड़े 40 टुकड़ों की जांच कर यह निष्कर्ष निकाला। बताया कि विस्फोट की तीव्रता इतनी अधिक थी कि चेहरा व शरीर पूरी तरह नष्ट हो गए, जिससे सामान्य पहचान संभव नहीं थी। इसलिए एमडी-डीएनए जांच करनी पड़ी।
फोरेंसिक विशेषज्ञों का कहना है कि यह जांच गोल्ड स्टैंडर्ड मानी जाती है। इसमें गलती की कोई गुंजाइश नहीं होती। जांच रिपोर्ट में कहा कि घटनास्थल से मिले प्रमुख अवशेष (दांत, हड्डियां,जांघ व टांग) सभी नमूनों का आनुवांशिक मिलान (डीएनए) संदिग्ध व्यक्ति की मां से पूर्ण रूप से मेल खाता है।
इससे साबित होता है कि विस्फोट में मारा गया व्यक्ति डाॅ. उमर ही था। इस जांच का नेतृत्व एम्स फॉरेंसिक विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. डाॅ. सुधीर गुप्ता की टीम ने किया।
कार से मिले थे शरीर के ये हिस्से
- स्टेयरिंग के पास फंसी टांग
- 20 से अधिक हड्डियों के टुकड़े
- सात दांत
- कुछ मांस और त्वचा के नौ छोटे टुकड़े
- जले हुए कपड़ों और बालों के अंग, तीन।
आतंकी उमर की डीएनए जांच प्रक्रिया
- सैंपल का चयन: हड्डियों के अंदरूनी भाग (विशेषकर फीमर यानी जांघ की हड्डी) और दांतों से डीएनए निकाला गया। ये दोनों अंग उच्च तापमान में भी डीएनए सुरक्षित रखते हैं।
- डीएनए प्राप्त करना: हड्डियों और दांतों की ऊपरी परत (एनमेल और कार्टिकल बोन) को साफ कर भीतर से डीएनए अलग किया गया।
- डीएनए प्रतिलिपि (एम्प्लीफिकेशन): कार से मिले शरीर के टुकड़ों से निकाले गए डीएनए की पाॅलीमरेज चेन रिएक्शन (पीसीआर) के माध्यम से लाखों प्रतिलिपि बनाई गई। ताकि डीएनए जांच के लिए उसकी पर्याप्त मात्रा मिल सके। इस वैज्ञानिक तकनीक का बहुत कम मात्रा में मौजूद डीएनए को लाखों-करोड़ों गुना बढ़ाने में किया जाता है।
- सीक्वेंसिंग और मिलान: प्राप्त डीएनए को उमर की मां व भाइयों के डीएनए सैंपल से मिलाया गया। तुलना में 100 प्रतिशत एमडी-डीएनए की समानता पाई गई। उमर के भाइयों के सैंपल से आंशिक (करीब 50 प्रतिशत) समानता भी पाई गई, जो परिवारिक संबंध की पुष्टि करता है।
जांच में क्या निकला निष्कर्ष
- दांतों से मिला डीएनए: 100 समानता।
- हड्डियों से मिला डीएनए: 100 समानता।
- कटी टांग से मिला डीएनए: 100 समानता।
- त्वचा के टुकड़ों से डीएनए अधूरा मिला, लेकिन हड्डियों के नमूनों से पुष्टि हो गई।
माइटोकांड्रियल डीएनए
एम्स फोरेंसिक विभाग के विशेषज्ञों ने बताया कि विस्फोट में सामान्य डीएनए (न्यूक्लियर डीएनए) नष्ट हो जाता है, लेकिन हड्डियों और दांतों में मौजूद एमडी-डीएनए सुरक्षित रहता है जो सिर्फ मां से आता है। इसी से यह जांच सफल हुई। यह तकनीक से आग या विस्फोट जैसी परिस्थितियों में बचे अवशेषों से हर हाल में डीएनए निकालने में सक्षम होती है।
क्या होता है डीएनए ?
डीएनए (Deoxyribonucleic Acid) एक जैविक अणु (माॅलिक्यूल) है जो हर जीवित कोशिका के नाभि में एक लंबी रासायनिक डोरी की तरह होता है। इसे चार अक्षरों में ए (एडिनीन), टी (थाईमीन), जी(न्वानीन) और सी (साइटोसीन) में विभाजित किया गया है।
एक डीएनए की सीक्वेंसिंग दूसरे डीएनए से मेल खाती है तो माना जाता है कि दोनों में अनुवांशिक संबंध है। डीएनए आनुवंशिक जानकारियों (जेनेटिक इंफारमेशन) का खजाना होता है। इसे जीवन का ब्लूप्रिंट भी कहा जाता है।
यह बताता है कि कोशिका कैसे बनेगी, कैसे काम करेगी और अगली पीढ़ी में कौन-सी विशेषताएं जाएंगी (जैसे आंखों का रंग, कद, रोग प्रतिरोधक क्षमता आदि)।
डीएनए का मिलान
डीएनए मिलान का मतलब है दो या दो से अधिक व्यक्तियों के डीएनए प्रोफाइल की तुलना करना, ताकि यह पता लगाया जा सके कि वे कितने प्रतिशत तक आनुवंशिक रूप से संबंधित हैं। रक्त, लार, बाल, नाखून, वीर्य, त्वचा और ह्ड्डियों के टुकड़े आदि से डीएनए निकाला जाता है। जांच के लिए कोशिकाओं को तोड़कर शुद्ध डीएनए अलग किया जाता है।
मिलान का सिद्धांत
- पूर्ण मिलान (100 प्रतिशत) : एक ही व्यक्ति या जुड़वां।
- 50 प्रतिशत मिलान : माता-पिता और संतान।
- 25 प्रतिशत मिलान : दादा-दादी और पोते या भाई-बहन।
- जीरो प्रतिशत मिलान : कोई रिश्ता नहीं।
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