गृह प्रवेश के दौरान ध्यान रखें वास्तु के ये नियम। (AI Generated Image)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में गृह प्रवेश एक जरूरी अनुष्ठान माना गया है, जो नए घर लेने के बाद किया जाता है और इसी के बाद नए घर में रहने की शुरुआत की जाती है। वास्तु शास्त्र में गृह प्रवेश को लेकर कुछ जरूरी नियम बताए गए हैं, जिनका ध्यान रखना बहुत जरूरी है। इसके साथ ही वास्तु शास्त्र में गृह प्रवेश (Griha Pravesh ke Niyam) के लिए शुभ मुहूर्त, तिथि, वार और नक्षत्र के बारे में भी बताया गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ये दिन हैं शुभ
वास्तु के अनुसार, गृह प्रवेश के लिए सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार के दिन को काफी शुभ माना गया है। अगर माह की बात करें, तो माघ, फाल्गुन, वैशाख और ज्येष्ठ के महीने को गृह प्रवेश के लिए सबसे उत्तम माने जाते हैं। इसके साथ ही शुक्ल पक्ष की द्वितीया, तृतीया, पंचमी, सप्तमी, दशमी, एकादशी और त्रयोदशी तिथि भी गृह प्रवेश के लिए शुभ मानी गई हैं।
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इन दिन न करें गृह प्रवेश
वास्तु शास्त्र में माना गया है कि आपको कभी भी मंगलवार और शनिवार के दिन गृह प्रवेश कार्यक्रम नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही हिंदू पंचांग के अनुसार, रिक्ता तिथि जैसे चतुर्थी, नवमी और चतुर्दशी व अमावस्या, पूर्णिमा तिथि को गृह प्रवेश के लिए शुभ नहीं माना गया। इसके अलावा आषाढ़, सावन, भाद्रपद, आश्विन, पौष माह गृह प्रवेश के लिए शुभ नहीं माने जाते। इस बात का भी खासतौर से ध्यान रखें कि राहुकाल की अवधि में गृह प्रवेश अनुष्ठान नहीं करवाना चाहिए।
रखें इन बातों का ध्यान
गृह प्रवेश अनुष्ठान के दौरान आप मुख्य द्वार को अशोक के पत्तों के तोरण से सजा सकते हैं। इसके साथ ही घर को सजाएं, दीपक जलाएं, और घर के सभी कमरों में कपूर और धूप जलाएं। ऐसा करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ता है। नए घर में वास्तु पूजा भी जरूर करवानी चाहिए, ताकि आपको किसी तरह के वास्तु दोष का सामना न करना पड़े। वास्तु शास्त्र में बताए गए नियमों के अनुसार, नए घर में प्रवेश करते समय आपको सबसे पहले अपना दाहिना पैर आगे रखना चाहिए। ऐसा करना शुभ माना जाता है।
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