cy520520 • 2025-11-13 03:07:12 • views 123
भारत आएंगे चीते।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में 1952 में विलुप्त घोषित चीतों को फिर से बसाने की परियोजना को रफ्तार मिलने जा रही है। नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका के बाद अब बोत्सवाना से चीते भारत लाए जाएंगे। भारत और बोत्सवाना ने बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की राजकीय यात्रा के दौरान आठ चीतों को भारत भेजे जाने की औपचारिक घोषणा की। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मुर्मू ने बोत्सवाना के राष्ट्रपति ड्यूमा गिदोन बोको और वहां की जनता को इस सद्भावना के लिए धन्यवाद देते हुए आश्वासन दिया कि हम उनकी (चीतों की) अच्छी देखभाल करेंगे।बोको ने कहा कि उनका देश गुरुवार को प्रतीकात्मक रूप से इन चीतों को महामहिम (मुर्मु) को सौंप देगा।
दोनों राष्ट्राध्यक्ष एक कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे, जिसमें आठ चीतों को मोकोलोडी प्राकृतिक अभयारण्य स्थित एक क्वारंटाइन क्षेत्र में छोड़ा जाएगा। यह कार्यक्रम प्रोजेक्ट चीता के तहत बोत्सवाना द्वारा भारत को प्रतीकात्मक रूप से चीते सौंपे जाने का साक्ष्य होगा। कालाहारी रेगिस्तान स्थित घांजी शहर से इन चीतों को गबोरोने के निकट प्राकृतिक अभयारण्य में लाया गया है।
बोत्सवाना चारों तरफ से जमीन से घिरा राष्ट्र है, जिसका 70 प्रतिशत भूभाग कालाहारी रेगिस्तान के दायरे में आता है। मुर्मु ने राष्ट्रपति कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता में कहा कि मैं राष्ट्रपति बोको और बोत्सवाना के लोगों की आभारी हूं कि वे अपने चीते भारत भेज रहे हैं। हम उनकी अच्छी देखभाल करेंगे। राष्ट्रपति बोको ने कहा कि जैव विविधता सहयोग के तहत हमारे इस कदम से भारत में चीतों की आबादी बढ़ाने में मदद मिलेगी।
मोदी की जन्मतिथि पर शुरू हुआ था प्रोजेक्ट चीता
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी जन्मतिथि के अवसर पर नामीबिया से लाए गए आठ चीते मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़कर प्रोजेक्ट चीता की शुरुआत की थी। 17 सितंबर, 2022 को पीएम मोदी ने इन चीतों को एक विशेष बाड़े में छोड़ा। इस तरह दुनिया में पहली बार किसी बड़े जंगली मांसाहारी प्रजाति का एक महादेश से दूसरे महादेश में स्थानांतरण किया गया। इसके बाद फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते भारत लाए गए।
देश में इस समय 27 चीते, 16 भारत में जन्मे
प्रोजेक्ट चीता शुरू होने के तीन वर्षों के बाद देश में अब 27 चीते हैं। इनमें से 16 चीते भारतीय धरती पर पैदा हुए हैं। 24 चीते कुनो में और तीन गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में हैं, जो मध्य प्रदेश के मंदसौर और नीमच जिलों की सीमा पर स्थित है। परियोजना शुरू होने के बाद से अब तक 19 चीते विभिन्न कारणों से मर चुके हैं। इनमें विदेश से लाए गए नौ वयस्क चीते और भारत में जन्मे 10 शावक शामिल हैं। दूसरी तरफ कुनो में अब तक 26 शावक पैदा हो चुके हैं।
(समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ) |
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